गाजीपुर। ज़िले के करीमुद्दीनपुर स्थित मां कष्टहरणी देवी के दरबार में भक्तों का रेला प्रतिदिन उमड़ रहा है। पूर्वांचल सहित पड़ोसी जनपदों से आए हजारों की संख्या में भक्तों ने मां के दरबार में शीश नवाया।
चैत्र नवरात्र में यहां पहुंच रहीं अधिकतर महिला भक्तों द्वारा मनोकामना की पूर्ति के लिए मां के दरबार में अखण्ड दीप जलाए गए। मां के दरबार में विभिन्न जिलों के साथ ही बिहार प्रांत के सीमावर्ती क्षेत्रों से यहां पहुंचे श्रद्धालुओं ने भी मां के दरबार में हाजिरी लगाई।
मां के दरबार में भक्तों के आने का सिलसिला चैत्र नवरात्र के पहले दिन सुबह से ही शुरू हो गया, जो अनवरत रूप से दिन-रात चल रहा है। मान्यता यह है कि मां के दरबार में भगवान राम विश्वामित्र के साथ बक्सर जाते हुए यहां रुक कर मां कष्टहरणी देवी का पूजन अर्चन किए थे। इसके अलावा यह भी बताया जाता है कि किनाराम को भी यही मां कष्टहरणी के दरबार में सिद्ध प्राप्त हुई थी। किनाराम को मां कष्टहरणी ने अपने हाथ से खीर का प्रसाद खिलाया था। तब जाकर किनाराम को सिद्धि प्राप्त हुआ था। यहां मां कष्टहरणी मंदिर के परिसर में किनाराम की भी मूर्तियां स्थापित है, जहां भक्त अपना शीश नवाते हैं।
भक्तों के जयकारे से मां का दरबार गूंज रहा है। यहां मां के दरबार में भारी संख्या में भक्तों द्वारा अखंड दीप जलाए जा रहे हैं। मां का दरबार भक्तों से इस समय रात दिन गुलजार बना हुआ है। यहां सुरक्षा के दृष्टि से पुलिस के जवान व महिला पुलिस दिन रात चौकसी बरत रही है।