बलिया। नारी सुरक्षा के नाम पर प्रदेश सरकार लाख दंभ भर लें। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है। ताजा मामला रसड़ा कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में हथियार के बल पर 98 वर्षीय वृद्धा के संग हुए दुष्कर्म के मामले में आरोपी के साथ ही अब कोतवाली पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठने लगा है। पीडि़त पक्ष का आरोप है कि पुलिस ने वादी से पांच हजार रुपये लेने के बाद भी मामले को दस दिनों तक लटकाये रखा। पुलिस द्वारा इस बीच मामले को रफा-दफा करने की आजमाइस की जा रही थी।
वादी का आरोप है कि रसड़ा कोतवाली की पुलिस ने मुकदमा लिखने के लिए पांच हजार रुपये उससे ले लिए थे। बावजूद इसके आज कल में मुकदमा कहकर टहलाते रहे। इसकी चर्चा होने के बाद क्षेत्र में आरोपियों के साथ ही कोतवाली पुलिस की किरकिरी होने लगी है। लोग पुलिस के इस प्रकार के कृत्यों पर थू-थू कर रहे है। आरोप है कि रसड़ा थाना क्षेत्र के गाँव मे बीते 20 अगस्त को एक बृद्ध महिला के साथ असलहे के बल पर दुष्कर्म का मामला सामने आया था। जिसमें पीडि़त पक्ष की तहरीर के बाद भी पुलिस मुकदमा लिखने के बजाय मामले को रफा दफा करने में जुटी थी।
क्या बोले एसपी
इस मामले में पुलिस अधीक्षक राजकरण नैय्यर ने बताया कि मामला बलात्कार के प्रयास का बताया जा रहा है। इस मामले सच्चाई पता करने के अपर पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में जांच गठित की गयी। जांच रिपोर्ट आने के बाद जो भी गलत होगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।