बलिया। प्राइमरी स्कूलों में पढऩे वाले छात्र-छात्राओं को बहुत जल्द पहचान-पत्र उपलब्ध कराया जाएगा। शिक्षा विभाग इसके लिए कोई निर्देश भले ही जारी न किया हो, लेकिन जनपद में दर्जनों विद्यालयों में पहचान-पत्र (आई-कार्ड) बनाने के नाम पर छात्रों से वसूली शुरू कर दी गई है। कई विद्यालयों में प्रति छात्र २० से २५ रुपये तक वसूला जा रहा है।

निजी विद्यालयोंं की तरफ अब परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में भी पढऩे वाले छात्र/छात्राओं को पहचान पत्र (आई कार्ड) दिया जाएगा। प्रत्येक छात्र अपने ड्रेस के साथ अपना पहचान पत्र भी लगाकर स्कूल आएंगे। आई कार्ड उपलब्ध कराने का कार्य शिक्षा विभाग एवं सरकार का है, लेकिन विद्यालय के प्रधानाध्यापक एवं शिक्षक पहचान पत्र देने के लिए छात्रों से एक निर्धारित शुल्क तय कर वसूली शुरू कर दी है। इससे अभिभावकों में काफी नाराजगी है।

कुछ अभिभावकों ने अपनी शिकायत भी विद्यालय पर दर्ज कराई है। बावजूद उन्हें समझा-बुझाकर भेज दिया गया है। ऐसी शिकायत सोहांव विकास खंड के कुछ विद्यालयों पर मिल रही है। इस संबंध में बीएसए कार्यालय का कहना है कि छात्रों से पैसा लेने का कोई आदेश नहीं जारी किया गया है। जबकि विभागीय अधिकारियों का कहना है कि ऐसे किसी वसूली की जानकारी हमे नहीं है।

उधर उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला संयोजक/ जिलाध्यक्ष जितेंद्र सिंह का कहना है कि अगर किसी विद्यालय से पहचान पत्र के नाम पर बच्चों से धनउगाही की जा रही है, तो यह गलत है। विभाग ने अभी तक पहचान पत्र बनाए जाने के लिए कोई निर्देश जारी नहीं किया है। अगर कोई विद्यालय बच्चों को खुद पहचान पत्र मुहैया कराना चाहता है, तो इसके लिए छात्रों को शोषण का शिकार न बनाए।