12 साल से नौकरी कर रहे 11 शिक्षकों के अभिलेख एसटीएफ ने किए जब्त, जांच शुरू


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कभी भी जांच करने वाराणसी, गाजीपुर, बलिया और मऊ पहुंच सकती है टीम..
बलिया/प्रतापगढ़। उत्तर प्रदेश में फर्जी कागजात के आधार पर नौकरी करने वाले शिक्षकों पर गाज गिरना तय है। ऐसे शिक्षकों की सूची तैयार कर एसटीएफ ने जिलेवार कार्रवाई शुरू कर दी है। इसके तहत एसटीएफ की टीम शुक्रवार को प्रतापगढ़ के कुंडा और मगरौरा ब्लॉक के 11 शिक्षकों के अभिलेख कब्जे में ले लिए हैं। एसटीएफ की कार्रवाई से पूर्वांचल में हड़कंप मचा हुआ है। माना जा रहा है कि टीम बहुत जल्द वाराणसी, गाजीपुर, मऊ व बलिया जिलों में भी कार्रवाई करेगी। एक तरफ विभाग शिक्षकों को बचाने में जुटा है, तो दूसरी तरफ शिक्षक नौकरी बचाने के लिए नेताओं की शरण लिए हुए हैंं।
फर्जी अभिलेख के आधार पर वर्ष 2009 से नौकरी कर रहे बेसिक शिक्षा विभाग के 11 शिक्षकों के कागजात एसटीएफ ने अपने कब्जे में लेकर जांच प्रारंभ कर दी है। एसटीएफ की जांच के बाद इन शिक्षकों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज हो सकता है। देखा जाए तो कार्रवाई के बाद विभागीय अफसरों ने इस मामले में चुप्पी साध ली है। उधर कुंडा ब्लॉक के प्राइमरी स्कूल अहिबरनपुर में तैनात शिक्षक रोहित यादव की बीएससी और बीएड की डिग्री फर्जी मिली है। विभाग की तरफ से उन्हें नोटिस भेजा गया है।
शुक्रवार को अचानक जिले में पहुंची एसटीएफ ने मंगरौरा ब्लॉक में तैनात 11 शिक्षकों के नियुक्ति संबंधी सभी दस्तावेज और सेवा पुस्तिका कब्जे में ले ली। माना जा रहा है कि जांच के बाद इन शिक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जा सकता है। विभागीय अधिकारी अभी भी पूरा मामला दबा रहे हैं। हालांकि पूर्व में एसटीएफ की रिपोर्ट पर पूर्व बीएसए ने दो शिक्षकों के वेतन भुगतान पर रोक लगा दी थी। दोनों शिक्षक मेडिकल पर चले गए और दो माह की छुट्टी के बाद अब लौटने पर वेतन की मांग कर रहे हैं। विभागीय अधिकारी एसटीएफ की सक्रियता को देखते हुए वेतन भुगतान करने के लिए राजी नहीं हैं।




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