बलिया। सनबीम स्कूल बलिया के लिए शिक्षक दिवस का दिन दोहरी खुशी का था। विद्यालय परिवार हमेशा से नई-नई उपलब्धियाँ हासिल कर पूरे जनपद के लिए एक अभेद बेंचमार्क स्थापित करता आया है। आज जहां संपूर्ण विश्व महामारी की समस्या से जूझ रहा है। पूरा विद्यालय परिवार इस विकट आपदा को भी प्रगति के सुअवसर बनाने में जुटा हुआ है। पिछले पांच महीने से बेशक विद्यालय में छात्रों का आवागमन स्थगित रहा है। विद्यालय परिवार का हर सदस्य विद्यार्थी से लेकर प्रबंध समिति तक निरंतर अपने कठोर प्रदर्शन द्वारा विद्यालय को शीर्ष स्थान पर पहुंचाने के लिए हमेशा प्रतिबद्ध रहा है। ऐसे ही उपलब्धियों के मार्ग में सनबीम स्कूल ने वैश्विक शिक्षण के क्षेत्र में माइक्रोसाफ्ट इनोवेटिव एड्युकेटर एक्सपर्ट के लिए चयनित होकर कर देश ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में नया कीर्तिमान स्थापित किया है।

जिले का यह पहला विद्यालय है, जिसने तकनीकी शिक्षण में माइक्रोसॉफ्ट से जुड़कर पिछले वर्ष माइक्रोसॉफ्ट शोकेस स्कूल की वरीयता प्राप्त की थी। इस वर्ष अपने उपलब्धियों की श्रृंखला में एक और सितारा जड़ते हुए पूरे विश्व में आनलाइन आयोजित की जाने वाली माइक्रोसॉफ्ट इनोवेटिव एड्युकेटर एक्सपर्ट की परीक्षा पास करते हुए पूरे देश से कुल चयनित ५५१ एमआईई मे से अकेले सनबीम स्कूल बलिया से ४२ शिक्षकों ने चयनित होकर एक बार फिर अपनी योग्यता का लोहा मनवाया है।
विद्यालय के शिक्षकों का एमआईईई लिए चयनित होना आज शिक्षक दिवस को विद्यालय परिवार के विशेष उपलब्धियों वाला बना दिया।
विघालय में श्री सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म दिवस रविवार को बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। सर्वप्रथम श्री राधाकृष्णन जी की प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित किया गया और उसके जन्मदिन का केक काटा गया। उसके तत्पश्चात शिक्षकों द्वारा विघालय के निदेशक डॉ कुँवर अरुण सिंह एवं प्रधानाचार्या श्रीमती सीमा को गुलदस्ता एवं उपहार भेंट किया गया। इसके बाद माइक्रोसॉफ्ट इनोवेटिव एक्सपर्ट्स के साथ-साथ विघालय के सभी शिक्षकों को पुष्प तथा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। विद्यालय की इस उपलब्धि पर विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष संजय कुमार पांडे, सचिव अरुण कुमार सिंह ने अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए इसका संपूर्ण श्रेय विद्यालय के शिक्षकों को दिया।

विद्यालय के निदेशक डॉ0 कुँवर अरुण सिंह ने कहा कि हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं कि छात्रों की गुणत्ता पूर्ण शिक्षा सुनिश्चित की जा सके। इस महात्राषदी में काफी समय में विद्यालय बंद होने पर शिक्षण का कार्य ऑनलाइन माध्यम से किया जा रहा था। विद्यालय द्वारा ऑनलाइन शिक्षण जूम के अतिरिक्त माइक्रोसॉफ्ट टीम एप से भी किया जाता रहा है। श्री सिंह ने कहा कि आज हमारे सभी शिक्षक पूर्णतया माइक्रोसॉफ्ट प्रशिक्षित हो चुके हैं और अब माइक्रोसॉफ्ट शोकेस स्कूल की मान्यता प्राप्त करने के साथ-साथ हमारे शिक्षकों ने अपनी मेहनत और काम के प्रति अपनी निष्ठा का परिचय देते हुए अपने स्वंय के प्रयास से यह विषेश योग्यता हासिल कर हमें गौरवान्वित होने का यह महा अवसर प्रदान किया है। अब हमारे शिक्षक और विघार्थी वैश्विक मंच पर अपने विचार साझा कर सकेंगे तथा विद्यार्थियों को आधुनिक उच्च स्तरीय शिक्षा प्रदान की जा सकेगी और २१ वीं शताब्दी के कौशल प्रदान किए जा सकेंगे। विघालय परिवार और शिक्षकों ने शिक्षा की गुणवत्ता को उत्कृष्ट बनाने के लिए हर संभव प्रयास किया है। बावजूद आज भी जो शिक्षण कक्षा में छात्रों और शिक्षकों की आमने-सामने की उपस्थिति में संभव है, वह शिक्षा के किसी भी माध्यम से संभव नहीं है, क्योंकि कक्षा में ही शिक्षक एक-एक छात्र को बेहतर तरीके से समझ पाता है और उसका उचित निराकरण कर पाता है। क्योंकि शिक्षक ही अपने छात्रों का सेकेंड पैरेंट्स और विघालय उनका दुसरा परिवार। उन्होंने कहा कि हमारे शिक्षकों ने हमें हमेशा गौरवान्वित होने का अवसर देते आए हैं कभी छात्रों के उत्कृष्ट प्रदर्शन से तो कभी स्वंय के।
इस अवसर पर विद्यालय की प्रधानाचार्य श्रीमती सीमा ने बताया की इससे पूर्व में भी विद्यालय के सभी शिक्षक माइक्रोसॉफ्ट सर्टिफाइड शिक्षक घोषित किए जा चुके हैं। माइक्रोसॉफ्ट शोकेस स्कूल बनने के बाद और एक्सपर्ट्स की मान्यता मिलने से विद्यालय के समस्त शिक्षक एवं विद्यार्थी तकनीकी शिक्षण का लाभ उठा सकेंगे तथा वर्तमान परिवेश के अनुसार अपना सर्वागीण विकास कर सकेंगे। उन्होंने इसका श्रेय विद्यालय के समस्त शिक्षकों के कठिन प्रयास एवं विद्यालय प्रबंधन के सहयोग को दिया।