बलिया नगर, बांसडीह और बैरिया विस पर टिकी हुक्मरानों की नजर..

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इस सीट पर जीतने वाले को क्या इस बार भी मिलेगी लालबत्ती..?
बलिया। बागी बलिया हमेशा से सुर्खियों में रहा है। जश्न -ए -आजादी का वक्त हो या चुनाव का। यहां छठवें चरण में तीन मार्च को जनपद के सातों विधानसभा सीटों पर मतदान होगा। इस बार बलिया नगर, बांसडीह और बैरिया विधानसभा सीट पर सबकी नजर टिकी है।
बलिया नगर विधानसभा की बात करें तो इस सीट पर विजेता होने वाले उम्मीदवार को ज्यादातर मंत्री पद की कुर्सी मिली है। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार आनंद स्वरूप शुक्ला को जीत मिली थी। वह पहली ही बार में मंत्री बना दिए गए। इसके पूर्व समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के रूप में पहली बार नारद राय ने जीत दर्ज की और मंत्री बने थे। इस बार भाजपा के टिकट पर दयाशंकर सिंह चुनाव लड़ रहे हैं। जबकि इसी विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर पूर्व मंत्री नारद राय है। इसके साथ ही बहुजन समाज पार्टी से शिवदास वर्मा, आप से अजय राय मुन्ना और कांग्रेस नेता ओमप्रकाश तिवारी चुनाव मैदान में हैं।
इस सीट पर चुनावी समीकरण नित्य करवट ले रहा है। इस बदलाव के कारण जीत और हार की हवा बहते-बहते शांत पड़ जा रही है। ऐसे में कुछ कहना कठिन है। इस बार भी आमने-सामने की लड़ाई भाजपा और सपा की मानी जा रही है। लेकिन यह दोनों पार्टियां बसपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की रफ्तार से परेशान हैं।
पिछले विधानसभा चुनाव 2017 में नारद राय बसपा के टिकट से चुनाव लड़े थे। इस बार वह घर वापसी करते हुए सपा के बैनर तले चुनाव लड़ रहे हैं। उधर इस सीट से सर्वाधिक मतों से जीतने के बाद आनंद स्वरूप शुक्ला विधायक व मंत्री बने, लेकिन इस बार उन्हें यहां से टिकट नहीं दिया गया। उनका विधानसभा क्षेत्र परिवर्तित करते हुए इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह को टिकट दिया गया। जीत की जंग में सभी शामिल हैं, लेकिन चर्चा केवल दो की हो रही है…।
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