छपरा। रक्षाबंधन का त्यौहार सिर्फ भाई-बहन का त्यौहार नहीं यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर भी है, यहां बहन की एक रक्षा सूत्र के लिए भाई जीवन पर्यंत उसकी रक्षा करने का वचन देता है। आज समय का दौर भले ही बदल रहा है, लेकिन मुंहबोली बहनों के लिए भी कुछ कर गुजरने का जज्बा आज भी हमारे भारत में जिंदा है। जिसकी मिसाल छपरा में डीएलएड कॉलेज के एक व्याख्याता ने पेश की है। हम बात कर रहे हैं छपरा जिले के जलालपुर बंगरा स्थित प्राथमिक शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय (डीएलएड) के वरीय व्याख्याता राजेश्वर प्रसाद सिंह की। जिन्होंने रक्षाबंधन के दिन एक नई मिसाल कायम की है।
उन्होंने महाविद्यालय के दो महिला प्रशिक्षुओं से रक्षाबंधन के दिन रक्षासूत अपनी कलाई पर बंधवा दोनों को बहन मानते हुए उन्हें यह वचन दिया है कि वह उन दोनों की आगे तक की पढ़ाई का खर्च स्वयं वहन करेंगे। ऐसे में उन्होंने अपनी दो शिष्याओं को बहन बना एक मिसाल पेश की है। इस मामले में राजेश्वर प्रसाद सिंह ने बताया कि महाविद्यालय के सत्र २०२०-२०२२ की प्रशिक्षु अंजली शर्मा और चंचल दोनों को उनके द्वारा रक्षाबंधन के दिन उनसे रक्षा सूत्र बनवाकर बहन के रूप में स्वीकार किया है। अब वह दोनों छात्राओं की पढ़ाई का आगे का खर्च उठायेंगे।