“योगी” की हिटलरशाही व्यवस्था के खिलाफ अब शुरू होगी जंग : अजय राय मुन्ना

बलिया। सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विस चुनाव से पहले अपनी एवं पार्टी की हार को लेकर भयभीत हैं। सीएम हिटलरशाही के दम पर लोगों की जुबान बंद करने एवं सबको कदमों में झुकाना चाहते हैं। पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर एवं उनकी पत्नी नूतन ठाकुर पर हुई द्वेषपूर्ण त्वरित कार्रवाई भी इसी का हिस्सा है। आम आदमी पार्टी के नेता अजय राय मुन्ना ने कहा कि इस अन्याय के खिलाफ पार्टी कार्यकर्ता आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे। इतना ही नहीं प्रदेश की कानून व्यवस्था के विरोध में 31 अगस्त 2021 को राज्यपाल एवं राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन भी पूर्वांह्न 11.30 बजे जिलाधिकारी को सौंपा जाएगा। इसके बाद नूतन ठाकुर पर दर्ज मुकदमा वापस नहीं लिया गया, तो आप कार्यकर्ता आंदोलन को और उग्र करने के लिए बाध्य होंगे।

आप नेता अजय राय मुन्ना ने कहा कि लखनऊ के गोमतीनगर इलाके में दर्जनों पुलिस अधिकारियों एवं पुलिस कर्मियों की मौजूदगी में असहाय एवं लाचार पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर को आवास से जबरदस्ती पुलिस वाहन तक ले जाया गया। इस बीच उनके विरोध करने पर मानवता को ताख पर रख उन्हें घसीटने तक का काम किया गया। मानवता को शर्मशार करने वाली यह कार्रवाई सत्ता के अधिकार का दुरूपयोग करना है। इस क्रुरतापूर्ण गिरफ्तारी की जितनी भी निंदा की जाए कम है। इतना ही नहीं गिरफ्तारी के दूसरे दिन पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर मुकदमा दर्ज करने के बजाए अमिताभ ठाकुर एवं उनकी पत्नी नूतन ठाकुर के ऊपर सरकारी काम में बाधा डालने एवं पुलिस पर हमला करने का एक और एफआईआर दर्ज करना कहां का न्याय है। पुलिस की इस कार्रवाई से आम जनता में आक्रोश बढ़ रहा है।

कहा कि योगी आदित्यनाथ एवं पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर की महराजगंज से पुरानी रार चली आ रही है। जबरिया रिटायर किए जाने के बाद पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने योगी के खिलाफ चुनाव लडऩे का एलान किया था। इसके बाद से उन्हं सबक सिखाने का ताना-बाना बुना जा रहा था। इसी बीच बलात्कार पीडि़ता द्वारा पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर पर आरोपी का सहयोग करने एवं आत्मदाह के लिए उकसाने का लगे आरोप ने सरकार को पूरा मौका दे दिया। इसी कार्रवाई की आड़ में योगी सरकार पूर्व आईपीएस से अपना बदला ले रही है, जो पूरी तरह गलत है।

मुन्ना ने कहा कि हमे कानून के दायरे में रह कर की गई कार्रवाई पर कोई टिका-टिप्पणी नहीं करनी है। लेकिन किसी ईमानदार अधिकारी के साथ अपराधियों जैसा सलूक करना और इस व्यवस्था एवं परिपाटी को जन्म देना गलत है। इसका विरोध होना चाहिए। कानून तोडऩे वालों पर कार्रवाई हो, लेकिन किसी के साथ भेदभाव न हो। कहा कि नूतन ठाकुर पर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं। उनका मुकदमा तत्काल वापस लिया जाए। अन्यथा पार्टी आंदोलन के लिए मजबूर होगी।

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