क्या ! नया पश्चिमी विक्षोभ से फिर पैदा होगा संकट, 72 घंटे बाद बारिश की आशंका..

.

.

.

.

.

.
.
.
.

पूर्वांचल ने ओढ़ी सर्दी की वर्दी, हल्की धूप से मिली राहत..
बलिया/लखनऊ।
पूर्वांचल में शीतलहर व सर्दी का कहर जारी है। पिछले चार दिनों से हल्की धूप निकलने से लोगों को सर्दी से कुछ राहत मिली है। इसी बीच मौसम विभाग की माने तो नया पश्चिमी विक्षोभ फिर से सक्रिय हो रहा है। इससे तीन दिन बाद उत्तर प्रदेश में बारिश होने की प्रबल संभावना है।
पिछले चार दिनों से सुबह में घना कोहरा और शाम को सर्द हवा एवं गलन के कारण जनजीवन बेहाल है। उत्तर प्रदेश में पिछले चार दिनों से कहीं हल्की, तो कहीं तेज धूप निकलने के कारण लोगों को ठंड से कुछ राहत जरूर मिली थी। लोग अनुमान लगा रहे थे कि मौनी अमावस्या के बाद अब मौसम पूरा साफ होगा और सर्दी से लोगों को निजात मिल सकती है। लेकिन ऐसा होता दिखाई नहीं दे रहा है। हल्की धूप के बावजूद गलन भरी सर्दी का प्रभाव अब भी बरकरार है। प्रदेश के कई जनपदों में सर्दी का असर तेज है। प्रतिदिन ठंड की वजह से बीमार पढ़ने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। जिला अस्पताल समेत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों का तांता लगा है। ऐसे में कोल्ड डायरिया भी अपना असर दिखाने लगा है। मासूम बच्चे इसकी चपेट में सर्वाधिक।
मौसम वैज्ञानिकों की माने तो उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में रात के समय तापमान अभी चार से पांच डिग्री सेल्सियस के आसपास रह रहा है। एक बार फिर प्रदेश में नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से मौसम में बदलाव आना तय है। 72 घंटे बाद मौसम का मिजाज बदलने की बात विभाग कर रहा है। फिलहाल इस हफ्ते के अंत तक कुछ जगहों पर बारिश होगी। इसके लिए अभी से अलर्ट जारी किया गया है। अभी एक हफ्ते बाद ही पूर्वांचल वासियों को ठंडे हो सर्दी से छुटकारा मिलने की उम्मीद है।
…..
मेघ होंगे मेहरबान..
बलिया। पूरे पूर्वांचल में बारिश की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार नए पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से एक बार फिर मौसम में परिवर्तन होना तय माना जा रहा है। पश्चिमी राजस्थान के ऊपर तीन फरवरी को प्रेरित परिसंचरण तंत्र बनने के आसार हैं। दो दिन तक मौसम में परिवर्तन होना उत्तरी भागों में आसमान में बादल छाए रहने की संभावना है। इस दौरान हल्की बारिश और बूंदाबांदी होने पर साथ ही हल्की बारिश या बूंदाबांदी होने के साथ मौसम शुष्क बने रहने की आशंका है।
.
.
.
.


.

.

.

.

Please share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!