पर्यावरण की सुरक्षा के लिए जुलाई माह में लगाए जाएंगे 41, 24, 154 पौधे

जिला वृक्षारोपण समिति, जिला गंगा समिति व जिला पर्यावरण समिति की हुई बैठक
गाजीपुर। जिला वृक्षारोपण समिति, जिला गंगा समिति व जिला पर्यावरण समिति की बैठक डीएम एमपी सिंह की अध्यक्षता में राईफल क्लब सभागार में सम्पन्न हुइ। जिसमें जिलाधिकारी ने बताया कि जुलाई 2022 में जनपद में 41, 24, 154 पौधे लगाए जाएंगे।
उन्होंने अधिकारियों को विभागवार लक्ष्य के अनुसार पौधरोपण करने के निर्देश दिए। पौधरोपण के लिए जियो टैगिंग करने और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने सभी विभागों को पौधरोपण के लिए गड्ढा खोदान और वित्त वर्ष 2021-22 की सत्यापन रिपोर्ट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। उन्होंने अधिकारियों को नगर वन/नगर वाटिका, नदियों के किनारे और अन्य स्थलों पर पौधरोपण के लिए स्थल चिह्नित कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिए।
प्रभागीय वनाधिकारी ने विभागीय अधिकारियों को जनपद में विभागवार लक्ष्य के बारे में जानकारी दी। बताया कि जिले में वर्ष 2022-23 के लिए कराए जाने वाले वृक्षारोपण का लक्ष्य निर्धारित है। जिसमें ग्राम्य विकास विभाग द्वारा 17, 59, 520, राजस्व विभाग द्वारा 1, 98, 940, पंचायती राज विभाग द्वारा 1, 98, 940, कृषि विभाग द्वारा 3, 37, 040, उद्यान विभाग 2, 20, 564, पर्यावरण विभाग 1, 51, 382, नगर विकास विभाग 23, 240, रेशम विभाग 28, 150, उच्च शिक्षा 21, 840, रेलवे विभाग 20, 860, लोक निर्माण विभाग 9800, सिचाई 9800, स्वास्थ्य 9940, उद्योग विभाग 8400, सहकारिता 7980, गृह विभाग 7000, पशुपालन 6300, रक्षा विभाग 6440, प्राविधिक शिक्षा 5740, उर्जा विभाग 5320, माध्यमिक शिक्षा 4000, बेसिक शिक्षा 4000, श्रम विभाग 3080, आवास विकास 6440, औद्योगिक 3920, परिवहन विभाग 3080 के अतिरिक्त वन विभाग को 10, 62, 438 पौधरोपण का लक्ष्य प्राप्त है। उन्होंने बताया कि वृक्षारोपण के कार्याे का स्थलीय सत्यापन के लिए जनपद स्तरीय जॉच कमेटी में 04 सदस्यीय टीम का विकास खंडवार गठन कर लिया गया है। सभी सम्बन्धित विभाग के नोडल अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि जॉच के समय जॉच समिति का पूर्ण सहयोग करे। जिलाधिकारी ने समस्त विभागों के अधिकारियों से वर्ष 2021-22 में कराए गए वृक्षारोपण का स्वमूल्यांकन कराते हुए पौधों की जीविता प्रतिशत उपलब्ध कराने के साथ वर्षाकाल 2022 में वृक्षारोपण के लिए आवंटित लक्ष्य पूर्ण करने से सम्बन्धित विभाग द्वारा निर्धारित प्रारूप में कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश दिया।
कहा कि जनपद में वृहद वृक्षारोपण के तहत 75 पौधे प्रत्येक ग्राम पंचायत/नगर पलिका परिषद/नगर पंचायत द्वारा अमृत महोत्सव उद्यान की स्थापना किया जाना है, जो अमृत महोत्सव उद्यान 2022-23 में 35 करोड़ पौधरोपण में सम्मिलित माने जाएंगे। इसके लिए पौधे डीएसटी के माध्यम से वन विभाग द्वारा विभागीय नर्सरियों से उपलब्ध कराए जाएंगे। अमृत महोत्सव उद्यान की स्थापना महत्तपूर्ण सार्वजनिक स्थनों (सामुदायिक भूमि, राजकीय भूमि, सरकारी/अर्द्धसरकारी भवनो के परिसर,) नगर वाटिका, नगर वन, शहर में अवस्थित अथवा निर्मित किए जा रहे उद्यान में की जाएगी। अमृत महोत्सव उद्यान में ऐसे क्षेत्र चयन में बरीयता दी जाए जो पूर्ण या आंशिक रूप से दीवार, तारबाड़, घेरबाड़ से सुरक्षित हों। अन्यथा की स्थिति में वृक्षारोपण सुरक्षा के लिए समुचित व्यवस्था की जाए। रोपित किए जाने वाले पौध लंबी जीवितता के देशी/स्थानीय पौध होंगे। जिसमें मुख्य रूप से फलदार, छायादार, औषधीय, प्रकाष्ठ, पर्यावरणीय तथा सांस्कृतिक महत्व के प्रजातियों पौधे लगाए जाएंगे। रोपित किए जाने वाले पौधे पूर्ण रूप से स्वस्थ एवं अच्छी ऊंचाई हो तथा उनकी प्रजातियां मुख्यतः बरगद, पीपल, पाकड़, गुलर, सीता, अशोक, नीम, आम, हरड़, बहेडा, बेल, महुआ, सहजन, ऑवला, जामुन, चिरौंजी, पुत्रंजीवा, शीशम, इमली, अर्जुन, कुसुम, लसोड़ा,/गोन्दी एवं करंज इन प्रजातियों के अतिरिक्त स्थानीय महत्व/उपयुक्तता के दृष्टिकोण से अन्य दीर्घजीवी प्रजातियों के पौध को भी रोपित किया जाए। जिला गंगा समिति की बैठक में अर्थ गंगा की अवधारणा के अन्तर्गत जनपद में वर्ष 2022-23 की वार्षिक कार्ययोजना तैयार किए जाने, गंगा नदी के किनारे अवस्थित ग्राम पंचायतों को अर्थ गंगा की अवधारणा से जोड़े जाने, गंगा ग्रामों में गंगा संरक्षण समिति के गठन, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के स्थापना की अद्यतन स्थिति, गंगा घाटों की साफ-सफाई, स्वच्छता पखवाड़ा, जल संरक्षण के लिए कैच द रैन कैम्पेन कार्यक्रम समयानुसार किए जाने, जैविक कृषि पद्धति जल संचयन संबंधी सिंचाई पद्धतियों को बढावा देने, उच्च संकल्प डेम एवं जीआईएस आधारित डाटावेस तैयार किए जाने तथा मा0 राष्ट्रीय हरित अधिकरण, नई दिल्ली द्वारा गंगा के जल गुणवत्ता अवं अविरलता के संरक्षण के लिए फ्लड प्लैन एरिया के चिन्हांकन कर मैप उपलब्ध कराने की प्रगति से सम्बन्धित विषय पर चर्चा कर आवश्य निर्देश दिए गए।

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