बक्सर। हम नेता इसलिए चुनते है ताकि क्षेत्र का और देश का सर्वांगीण विकास हो, लेकिन अफसोस जब यही नेता अनपढ़ निकलते है तो आप सोच ही सकते हैं कि आपके क्षेत्र का विकास कैसा हो सकता है और देश का! आज हम आपको ऐसे ही एक शख्स से रूबरू कराने जा रहे हैं जो कि भाजपा के वरिष्ठ नेता होने के साथ-साथ विधानसभा के निवर्तमान प्रत्याशी भी रहे हैं।

जी हां हम बात कर रहे परशुराम चतुर्वेदी की, 15 अगस्त के अवसर पर जब उनसे एक पत्रकार ने सवाल पूछा कि देश कब आजाद हुआ था तो उनका जवाब था…देश 1953 में आजाद हुआ था। फिर जब पत्रकार ने सवाल पूछा कि आजादी के पहले देश में किसका राज था तो नेताजी ने जवाब दिया कि पहले अंग्रेज फिर ईस्ट इंडिया कंपनी का था। अब आप सोच सकते हैं जिस शख्स को यह पता नहीं कि देश कब आजाद हुआ वह यदि भूले भटके भी विधायक बन जाते हैं तो क्षेत्र में विकास की दशा क्या हो सकती है!
