आनंद ओझा सागर
प्रयागराज। ज्योतिष के पारंगत जानकर वरिष्ठ ज्योतिषी प्रयागराज के प्रमोद शुक्ला का आंकलन है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भगवान से कम नहीं हैं। मोदी जी की कुंडली का जो विश्लेषण उन्होंने किया है। वाकई में उस पर सवाल खड़ा कर पाना मुश्किल है।
चीन और पाकिस्तान की यह हालत क्या अपने आप हो गयी है या फिर यह कोई बैकडोर डिप्लोमैसी का कमाल है। तालिबान जिसने रूस और अमेरिका को अकेले ही नाको चने चबवा दिए, वो मात्र 45 दिनों में चीन, रूस, पाकिस्तान और तुर्की जैसे धुरंधर देशों के समर्थन के बावजूद भारत के आगे गिड़गिड़ा रहा है।

अमेरिका और ईरान दोनों आपस में धुर विरोधी हैं, पर भारत के साथ हैं। ईरान और इस्राइल आपस में धुर विरोधी हैं पर भारत के साथ हैं। सऊदी और ईरान दोनों आपस में धुर विरोधी हैं पर भारत के साथ हैं। फ्रांस और अमेरिका आजकल दोनों आपस में धुर विरोधी हैं पर भारत के साथ हैं। यहां सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि रूस और चीन दोनों वीटो धारक UNO के स्थायी सदस्य होने के बावजूद तालिबान को न तो मान्यता दे पाए और न ही अन्य देशों से मान्यता दिलवा ही पाए। मोदी कुछ नहीं है। मोदी पढ़ा लिखा नहीं है। मोदी फेंकू है। पर वो कौन सी अदृशय शक्ति है, जो अंतरराष्ट्रीय बिसात पर बिछी इस शतरंज की बाजी में हर हालत में भारत को ही अंततः विजय दिलाने के लिए काम कर रही है। आप का तो पता नहीं पर में तो भगत हूँ मोदी का। मोदी कोई व्यक्तित्व नहीं, बल्कि साक्षात भगवान का स्वरूप हैं।

यह हमारा अहोभाग्य है कि हम उस युग में जी रहे हैं जहां हमें इस स्वरूप की ये अठखेलियाँ देखने को प्राप्त हो रही हैं। Chander Mohan Aggarwal जी ने उपरोक्त जो बातें कहीं हैं वह बहुत ही गहरी हैं। मोदी को भगवान का दर्जा दे देना सामान्य बात नहीं है, बहुत ही असामान्य है। कांग्रेसी चमचे और गुलामों ने मोदी के प्रशंसकों को भक्त कहकर चिढ़ाना शुरू किया,, वह चिढ़ाते रहे, परंतु मोदी प्रशंसकों की चिढ़ वास्तविक भक्ति में बदलती चली गई,, क्योंकि मोदी के काम लगातार ऐसे रहे जो मोदी प्रशंसकों को भक्त कहलाने में गर्व की अनुभूति कराने लगे,,, अब मोदी प्रशंसक बहुत ही गर्व के साथ कहते हैं कि हां मैं भक्त हूं मोदी का,, उस मोदी का जो भारत के लिए पूरी दुनिया से टक्कर ले रहा है। पूरी दुनिया को घुटनों पर ला रहा है,, देखते जाओ चमचो, कब तक तुम गुलामी में कांग्रेस का झंडा उठाए रहोगे…

यह भक्ति असामान्य तो है परंतु अग्रवाल जी के तर्क भी बहुत ही असामान्य रहते हैं। उनके तर्कों को कोई काट नहीं पा रहा है, वर्षों से मैं देख रहा हूं, इनकी बातें मैं अपनी वॉल पर भी शेयर कर रहा हूं। चंद्र मोहन अग्रवाल जी का गहरा अध्ययन, उनकी विदेश और रक्षा नीति पर मजबूत पकड़, तर्कसंगत विवेक, सजगता और कूटनीतिक दूरदृष्टि किसी भी अच्छे से अच्छे पत्रकार की तुलना में मैंने काफी बेहतर पाया है,, इसलिए मुझे बाध्य होना पड़ा मोदी के संदर्भ में कही गई इनकी बातों की जांच मोदी की कुंडली से करने के लिए..

मोदी जी की कुंडली के ग्यारहवें घर में पंचमेश शनी और लग्नेश शुक्र की युति आखिर क्या इशारा कर रही है ? पंचम स्थान में बैठा गुरु जो कि नवम स्थान और लग्न पर पूर्ण दृष्टि डाल रहा है आखिर वह क्या इशारा कर रहा है,, नवमेश बुध भी लग्नेश शुक्र से ज्यादा दूरी पर नहीं है, शुक्र सिंह राशि में 15 अंशों का है, जबकि बुध एक अंश का कन्या राशि में है,, दोनों की युति पंचमेश शनि ने करा दी है,, यह मिलन क्या इशारा करता है ? ज्योतिष के जानकार इस को भली-भांति परिभाषित कर सकते हैं।