बलिया। जनपद विभिन्न समस्याओं से जूझ रहा है। लोग बाढ़ व कटान से कसक रहे हैं। इसबीच सीएम के आने की सूचना मिली, लोगों में उत्साह जगा। कुछ पाने की उम्मीदें बंधी। लेकिन सब धरा का धरा रह गया। मुखमंत्री योगी आदित्यनाथ बलिया दौरे पर आए जरूर, लेकिन जनपदवासी उनके आने से दु:खी है।

कारण, लोगों को जो उनसे आशा और उम्मीद जगी थी कि उस पर पानी फिर गया। सीएम ने कोई ऐसी घोषणा नहीं कि जिससे जनपदवासियों को बाढ़ या कटान से स्थायी निदान मिल सकें। इतना ही नहीं सड़क, बिजली, पानी व शिक्षा के क्षेत्र में भी बढ़ती समस्याओं पर उनगी निगाह नहीं गई। उनके जाने के तत्काल बाद समाजवादी पार्टी के नेता व कार्यकर्ता लोगों से यह सवाल करते देखे गए कि योगी ने जनपद को क्या दिया? इसका किसी के पास कोई जवाब नहीं है। यहां तक कि भाजपाई भी निरूत्तर थे। चंद बाढ़ पीडि़तों को भोजन पैकेट देने मात्र के लिए सीएम का उडऩखटोला बलिया में उतरा था।

सपा के जिला प्रवक्ता सुशील कुमार पांडेय कान्हजी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आड़ेहाथ लेते हुए कहा कि योगी के आगमन पर लाखों खर्च हुए, लेकिन मिला कुछ भी नहीं। बलिया के लोगों को एक बार फिर निराशा ही हाथ लगी है। मुख्यमंत्री का बाढ़ निरीक्षण दौरा था। लोग उम्मीद में थे कि बाढ़ जैसी आपदा से जूझ रहे बलिया में सूबे के मुख्यमंत्री आएंगे तो इस आपदा से निजात के लिए जिले को कोई बड़ी सौगात देंगे। साथ ही पीडि़त आम लोगों से रूबरू होंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हर बार की तरह ही मुख्यमंत्री का आगमन हुआ और मीडिया को संबोधित किये । उसमें भी सिर्फ सुनना था कोई मीडिया कर्मी सवाल नहीं कर सका। मीडिया से दूरी यह दर्शाता है कि यह सरकार कितना आत्ममुग्ध और अहंकारी है। सिर्फ भाजपा सरकार में ही ऐसा देखा जा रहा है कि आपदा के समय प्रदेश का मुखिया आता हो और एक चवन्नी के राहत पैकेज की घोषणा न होती हो। ऐसे आने से तो बेहतर है न आना। कान्हजी ने कहा कि हमारी सरकार के समय मुख्यमंत्री अखिलेश यादव आते थे तो जिले को बड़ी-बड़ी सौगातें मिलती थीं।