बलिया: क्या “फौजी हत्याकांड” को खोल पाएंगे “नैय्यर”? दो एसपी हो चुके हैं “फेल”, “करणी सेना” भी खामोश…

बलिया। शहर के जलालपुर में नौ माह पूर्व की गई रिटायर्ड फौजी की हत्या पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई है। इस हत्याकांड को खोलने में पूर्व के पुलिस कप्तान फेल रहे हैं। हालांकि पूर्व में तैनात रहे एसपी देवेंद्र नाथ तथा डा. विपिन टाडा ने अपनी तरफ से कोई कोर कसर नहीं छोड़ा था। सारे प्रयास के बावजूद खुलासा न होना पुलिस कार्रवाई पर सवालिया निशान खड़ा कर रहा है। अब नवागत एसपी से फौजी हत्याकांड के खुलासे की उम्मीद जगी है। देखना है कि नवागत एसपी हत्या का पत्ता खोलने में पास होते है या फेल? बता दें कि अभी तक फौजी हत्याकांड की फाइल पर राजकरण नैय्यर की दृष्टि नहीं पड़ी है। ज्ञात हो कि बीते नवंबर 2020 में दिन शुक्रवार समय शाम के वक्त घर में घुसकर रिटायर्ड फौजी की हत्या कर दी गई थी। मूल रुप से जलालपुर निवासी 57 वर्षीय रमेश प्रताप सिंह का शव घर के लॉन में पड़ी मिली। इसकी जानकारी होते ही गांव-घर में कोहराम मच गया था। इस घटना के पीछे के कारणों की तलाश में पुलिस वारदात के बाद से ही जुटी हुई है। बताया जाता है कि नौ सेना से रिटायर होने के बाद रमेश जलालपुर में ही एनएच 31 के किनारे मोटर पार्ट्स की दुकान चलाते थे। उन्होंने कुछ साल पहले गांव से सटे न्यू बहेरी में मकान बनाकर परिवार के साथ रहते थे। उनके दो पुत्रों में बड़ा मुकेश सिंह बाहर रहता है, जबकि छोटो रुपेश वाराणसी गया हुआ था। घर में मौजूद रमेश की पत्नी शीला शाम को मंदिर पूजा करने चली गयीं। कुछ देर बाद वह लौटी तो पति गायब थी। उन्हें लगा कि आसपास ही कहीं गये होंगे और थोड़ी देर में वापस आ जायेंगे। काफी देर बाद तक जब वह नहीं लौटे तो शीला तलाश करने लगी। इसी बीच रात के करीब साढ़े 10 बजे उनकी नजर लॉन में पड़ी जहां पर रमेश जमीन पर औंधे मूंह गिरे हुए थे। उन्होंने आवाज देकर कुछ और लोगों को बुलाया। सभी नजदीक पहुंचे तो रमेश की मौत हो चुकी थी। उनके गले पर धारदार हथियार से किये गये हमले का जख्म मौजूद था। इस घटना की जानकारी होते ही पुलिस मौके पर पहुंच गयी। घटनास्थल की छानबीन के बाद पुलिस ने शव को कब्जा में लेकर पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया था। घटना के तुरंत बाद तत्कालीन एसपी देवेंद्र नाथ भी मौके पर पहुंचकर जल्द से जल्द खुलासा करने का वादा किया था, लेकिन कर नहीं पाए, फिर उसके बाद एसपी का तबादला हो गया था। इसके बाद चार्ज संभाले एसपी डा. विपिन टाडा से बहुत उम्मीद थी, लेकिनन अफसोस उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे। ऐसे में नवागत एसपी राजकरण नैय्यर से बेवा को बहुत सारी उम्मीदें हैं।



मामले में करणी सेना भी पड़ गई ठंड
बलिया। ठाकुरों की रक्षा के लिए बनी करणी सेना भी मामले के बाद से काफी उग्र हो उठी थी, आमरण अनशन से लेकर वृहद स्तर पर आंदोलन की चेतावनी दी थी, लेकिन वक्त जैसे-जैसे गुजरता गया वैसे-वैसे करणी सेना भी ठंड पड़ गई।

वर्जन:
पुराने सारे मामलों का जल्द से जल्द खुलासा किया जाएगा। इसके लिए अलग-अलग टीमेें भी गठित की जा रही है। पुलिसिंग व्यवस्था को और भी ज्यादा दुरूस्त की जाएगी।
राजकरण नैय्यर
पुलिस अधीक्षक बलिया

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