आजमगढ़ । चार वर्ष पूर्व देर से विद्यालय पहुंचने पर अध्यापक के साथ जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करने तथा मारने-पीटने के मुकदमे में सुनवाई पूरी होने पर अदालत ने खंड शिक्षा अधिकारी को गुनहगार मानते हुए दो वर्ष की कैद और आठ हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। यह फैसला विशेष न्यायाधीश एससी-एसटी कोर्ट ओमप्रकाश वर्मा ने सुनाया।

आगे पढ़े…
अभियोजन के मुताबिक वादी बालचंद निवासी लसड़ा खुर्द थाना बरदह गांव के ही पूर्व माध्यमिक विद्यालय पर अध्यापक थे। उनका आरोप था कि वह 22 अप्रैल 2017 को शहर के बेलइसा स्थित आवास से विद्यालय जा रहे थे। रास्ते में बाइक पंक्चर होने की वजह से बालचंद विद्यालय पर देर से पहुंचे। खंड शिक्षा अधिकारी अवधेश नारायण सिंह ने अध्यापक बालचंद को गैर हाजिर कर दिया था । बालचंद ने जब खंड शिक्षा अधिकारी को सफाई देते हुए कहा कि आने में जान बूझकर देरी नहीं की है। सहायक शासकीय अधिवक्ता इंद्रेश मणि त्रिपाठी तथा आलोक त्रिपाठी ने वादी बालचंद, इसरावती, कुंदन, इंद्रकला, राजबहादुर, डा. विजय कुमार तथा बद्री प्रसाद शास्त्री को बतौर गवाह न्यायालय में परीक्षित कराया।
