जिले में चलेगा दंपति संपर्क पखवाड़ा

11 जुलाई को मनेगा ‘विश्व जनसंख्या दिवस

बलिया। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व परिवार कल्याण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ० सुधीर कुमार तिवारी ने बताया कि जनपद में दंपति संपर्क पखवाड़ा शुरू हो चुका है। यह 10 जुलाई तक चलेगा। पखवाड़े के दौरान समुदाय को परिवार नियोजन के स्थायी और अस्थायी साधनों (बास्केट ऑफ च्वाइस) के बारे में विस्तार से जानकारी दी जा रही है। इसके बाद जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा (11 से 31 जुलाई तक) के दौरान इच्छुक लाभार्थियों को सेवाएँ दी जाएंगी।
नोडल अधिकारी ने बताया कि गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी विश्व जनसंख्या दिवस 11 जुलाई को मनाया जाएगा। इस बार की थीम है- ‘परिवार नियोजन का अपनाओ उपाय, लिखो तरक्की का नया अध्याय। विश्व जनसंख्या दिवस के तहत दो पखवाड़े आयोजित करने का निर्देश जारी किया गया है। इसमें 27 जून से 10 जुलाई तक दंपति संपर्क पखवाड़ा और 11 जुलाई से 24 जुलाई तक जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा मनाया जाएगा। राज्य स्तर पर लिए गए निर्णय के अनुसार गतिविधि की महत्ता के दृष्टिगत विश्व जनसंख्या स्थिरता पखवाडा संबंधी गतिविधियां 31 जुलाई 2022 तक सम्पादित की जाएंगी। पखवाड़े के दौरान जनपद में सीमित परिवार और जनसंख्या स्थिरीकरण के प्रति जन-जागरूकता के लिए गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी। बताया कि पुरुष नसबंदी सरल, सुरक्षित एवं महिला नसबंदी से बेहद आसान विधि है। इसलिए योग्य व इच्छुक लाभार्थी आगे आकर इस विधि का चुनाव करें तथा इसका लाभ उठाएं।
नोडल अधिकारी ने बताया कि पखवाड़ा के दौरान जिले, ब्लाक और गांव में मोबाइल प्रचार वाहन से परिवार नियोजन (बास्केट ऑफ च्वाइस) का सन्देश प्रचारित- प्रसारित किया जाएगा। हर इच्छुक लाभार्थी के लिए पुरुष या महिला नसबंदी की पूर्व पंजीकरण की भी सुविधा होगी। गर्भ निरोधक साधनों को अपनाने पर लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है।
जिला कार्यक्रम प्रबंधक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन डॉ० आरबी यादव ने बताया कि दंपति संपर्क पखवाड़े के दौरान आशा कार्यकर्ता अपने कार्य क्षेत्र की आबादी में योग्य दंपति को चिन्हित करेंगी। योग्य दंपति यानि जिनको परिवार नियोजन के बारे में परामर्श की आवश्यकता है। लक्षित दंपति को परिवार नियोजन के लिए बास्केट ऑफ च्वाइस के बारे में बताया जाएगा। इसके बाद इच्छुक लाभार्थियों को सेवाएँ दी जाएंगी। उन्होंने बताया कि दो बच्चों के जन्म के बीच कम से कम तीन साल का अंतर जरुर रखना चाहिए।

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