कोर्ट के आदेश पर रसरा कोतवाली में दर्ज हुआ था मुकदमा
हाईकोर्ट ने भी धोखाधड़ी के मामले में 10000 का लगाया जुर्माना
बलिया। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम शंभावी यादव ने खतौनी में फ्राड करने के आरोप में तत्कालीन लेखपाल और वर्तमान में नगरा सर्किल के कानूनगो अजीत कुमार सिंह के विरुद्ध सर्च वारंट जारी किया है। कोर्ट के इस आदेश से राजस्व विभाग में हडकंप मचा है।
जानकारों की मानें तो उरैनी निवासी प्रभात कुमार तिवारी, हरिश्चन्द्र तिवारी और उरैनी के तत्कालीन लेखपाल अजीत कुमार सिंह ने मिलकर दो अक्टूबर 2004 को देव भूषण तिवारी की रजिस्टर्ड वारिस सत्य रंजन तिवारी के साथ- साथ मनोरंजन तिवारी का नाम अंकित कर दिया था। जबकि सत रंजन तिवारी का नाम दो अक्टूबर 1997 को ही दर्ज हो गया था। जबकि मनोरंजन तिवारी की मृत्यु सन 1968 में हो चुकी थी। मुकदमा वादी प्रमोद कुमार तिवारी ने जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, उपजिलाधिकारी रसड़ा को प्रत्यावेदन देकर जांच करने की मांग की थी।
बाद में न्यायालय के आदेश पर रसड़ा कोतवाली में मुकदमा नंबर 3021/08 धारा 419, 420. 467, 468, 471 मुकदमा दर्ज हुआ था। इसके पहले अभियुक्तगण हरिश्चन्द्र तिवारी प्रभात कुमार तिवारी के विरुद्ध गैर जमानती वारंट भी जारी हुआ था। जिसमें उपरोक्त अभियुक्तगण जमानत करा लिए थे। इसी प्रकरण में उच्च न्यायालय में भी प्रभात कुमार तिवारी और हरिश्चन्द्र तिवारी के विरुद्ध धोखाधड़ी का मामला चल रहा था। उच्च न्यायालय ने दोनों अभियुक्तों के विरुद्ध 10000/ रूपये का जुर्माना लगाया है।