चिकित्सक बोले, डीएम के अलावा सीएमओ को बुलाने का किसी को अधिकार नहीं..
बलिया। जनपद के चिकित्सक शुक्रवार को उस समय लामबंद हो गए, जब डिप्टी कलेक्टर बलिया द्वारा मुख्य चिकित्सा अधिकारी को कलेक्ट्रेट में आशाबहुओ के नियुक्ति में हुई धांधली के मामले उपस्थिति होने के लिए पत्र जारी किया। इसकी जानकारी होते ही प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ के बैनर तले चिकित्सकों में रोष व्याप्त है। कहा कि सीएमओ को बुलाने का प्रोटोकॉल जिलाधिकारी को छोड़ किसी भी अधिकारी को नहीं है। यह अपमान कत्तई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
बता दें कि मातृ शिशु कल्याण महिला कर्मचारी संघ उत्तर प्रदेश जनपद शाखा द्वारा 12 सितंबर 2022 को पत्र दिया गया था। जिसमें जनपद में नियुक्त आशा कार्यकर्ताओं की नियुक्ति में हुए अनियमितता एवं भ्रष्टाचार की जांच करने की अपेक्षा की गई थी। इस प्रकरण में 27 सितंबर 2022 को डिप्टी कलेक्टर बलिया द्वारा मुख्य चिकित्साधिकारी 28 सितंबर 2022 को कलेक्टर कार्यालय में आशाओं की नियुक्ति से सम्बंधित सभी अभिलेख लेकर उपस्थित होने का आदेश जारी किया गया था। जब मुख्य चिकित्साधिकारी नहीं उपस्थित हुए, तो डिप्टी कलेक्टर बलिया द्वारा पुनः 30 सितंबर 2022 को सीएमओ को, फिर तीन अक्टूबर 2022 को कलेक्ट्रेट में सभी अभिलेखों के साथ उपस्थित होने का पत्र भेजा गया। जब इसकी जानकारी जनपद के चिकित्सकों को हुई तो वह आक्रोशित हो उठे। इसके बाद प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ ने सीएमओ से वार्ता की। प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ के जिला सचिव संतोष चौधरी ने कहा कि सीएमओ को बुलाने का अधिकार जिलाधिकारी के अलावा किसी को नहीं है। यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके अलावा डिप्टी कलेक्टर को अस्पताल की भी जांच करने का अधिकार नहीं है। कहा कि ऐसी स्थिति में काम करना सम्भव नहीं है। अगर व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ तो हम चिकित्सक आगे की रणनीति बनाने पर मजबूर होंगे। कहा कि हम भी गजटेड अधिकारी हैं। मान, स्वाभिमान गिराकर काम नहीं कर सकते हैं।