नहर टूटने से दो गांवों के किसानों की फसल जलमग्न

फसल डूबने के दो दिन बाद भी किसानों का हाल जानने नहीं पहुंचे अधिकारी
गाज़ीपुर। मरदह ब्लाक में नहर टूटने से दो गांवों की फसल जलमग्न हो गई है, किसानों में हाहाकार,दो दिन बाद भी कोई जिम्मेदार नहीं किसानों की सुधि लेने पहुंचा। नहर की मरम्मत के बाद किसानों को मिली राहत। लेकिन दो दिन तक हाल जानने नहीं पहुंचा कोई अधिकारी।

बिरनो ब्लाक के भोजापुर गोनिला चौहान बस्ती के पास से गुजर रहा 32 किलोमीटर लंबी बद्धोपुर – मटेहूं मरदह राजवाहा के सोमवार व मंगलवार की देर रात्रि में दो बार टूटने से गोनिला एवं मरदह ब्लाक के करदह कैथवली गांव के सैकड़ों किसानों की सैकड़ों बीघा के आसपास फसल जलमग्न हो गई। किसानों की सूचना पर नहर विभाग द्वारा पानी तो बंद कराया गया। टूटे हुए रजवाहा की मरम्मत कार्य शुरू कर दी गई।इधर फसल डूबने से किसानों में हाहाकार मचा हुआ है।

दो दिन बाद भी कोई जिम्मेदार अधिकारी व कर्मचारी किसानों की सुधि लेने मौके पर नहीं पहुंचा, तो बुधवार क्षुब्ध होकर किसानों ने प्रर्दशन करते हुए जमकर नारेबाजी किया। किसान लक्ष्मी, प्यारे, संजय, चेतन, खिचडूं, विक्रम, केदार, कलावती, अशोक, रामसमुझ, चुन्नू, विनोद, रामकृत, गुलाब, प्रमोद, रामदरश, रामराज, अकालू, शंकर, छविनाथ, हरिश्चंद्र, कांता, रामबचन, टुन्नु, सोनू, चौथी, बद्री, लछीराम, भोला, जयराम, जयगोविंद, नंदलाल, सुदामा, नंदेश्वर, मिश्री आदि ने बताया कि नहर के किनारे स्थित 100 बीघा के लगभग गेंहू, सरसों, चना, आलू, हरा चारा, सब्जी आदि के खेतों में पानी भरने की जानकारी भोर में होने पर किसान खेतों की तरफ दौड़े।

किसानों ने बताया कि नवम्बर माह में रजवाहे के सिल्ट की सफाई जेसीबी मशीन द्वारा की गई थी। पांच वर्ष बाद इस नहर में भारी क्षमता के साथ विभाग ने पानी छोड़ दिया,नहर की पटरी में जंगली जानवरों द्वारा बनाए गए सुराग की वजह से पटरी कमजोर हो चुकी थी जिससे नहर टूटने की घटना हुई है। नहर विभाग द्वारा अगर समय से देखभाल किया जाता तो शायद ऐसी समस्या उत्पन्न नहीं हुई होती।

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