*बलिया लोकसभा: दांव पर है महारथियों की इज्जत*





*चुनावी रणभूमि में चक्रव्यूह रचने उतरे दिग्गज*
*अपना दुर्ग सुरक्षित करने में जुटी भाजपा, सपा व बसपा*
*अखिलानंद तिवारी*
बलिया। लोकसभा चुनाव में राजनीति के माहिरों की साख दांव पर है। सत्ता संग्राम में एक तरफ जहां सूबे के परिवहन मंत्री दुर्ग सुरक्षित करने में एड़ी- चोटी का जोर लगाए हुए हैं, वहीं दूसरी तरफ सपा के राष्ट्रीय सचिव रामगोविंद चौधरी समेत तीन विधायक अपनी प्रतिष्ठा बचाने में दिन-रात एक किए हैं। समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार सनातन पांडेय के साथ पूरी पार्टी लगी हुई है, तो पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के पुत्र नीरज शेखर भाजपा के झंडे तले एक बार फिर चुनाव मैदान में हैं। चुनाव परिणाम चाहे जो भी हो, लेकिन यह कहना गलत नहीं होगा की महारथियों की इज्जत इस बार दांव पर है।

*..चंद्रशेखर के नाम पर आंख बंद कर वोट देते थे लोग*

कभी बड़े- बूढ़े, महिला और जवान सभी पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के नाम पर आंख बंद करके वोट देते थे। पूरे पूर्वांचल ही नहीं देश में चंद्रशेखर के नाम का डंका बजता था। जिस लोकसभा क्षेत्र में ऐसे वोटर रहे हों, वहां राजनीति के माहिर खिलाड़ियों की आंख टिक जाना स्वाभाविक है। राजनीति के अखाड़े में पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की सलाह मात्र से वैतरणी पार करने वाले नेता आज खुद मझधार में फंसे दिखाई दे रहे हैं। हालांकि इस बार चंद्रशेखर के परिवार से उनके पुत्र नीरज शेखर भाजपा के झंडे और डंडे तले चुनाव मैदान में उतरे हैं। बलिया लोकसभा क्षेत्र की बात करें तो भारतीय जनता पार्टी के साथ समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार अंतिम तैयारी में जुट गए हैं। राजनीतिक पंडित एवं दिग्गज नेता अब चुनावी रणभूमि में चक्रव्यूह रचने का काम कर रहे हैं।

*भाजपा में दिग्गजों की प्रतिष्ठा को चुनौती..*

उधर पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के पुत्र नीरज शेखर की प्रतिष्ठा बचाने के लिए इस बार पार्टी हाईकमान बलिया लोकसभा सीट पर नजर रखे हुए है। इसके साथ ही सूबे के मंत्री दयाशंकर सिंह, एमएलसी रविशंकर सिंह पप्पू, दो पूर्व सांसद भारत सिंह एवं वीरेंद्र सिंह मस्त, दो पूर्व मंत्री उपेंद्र तिवारी व आनंद स्वरूप शुक्ला। जिला अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक संजय यादव के साथ जिला कार्यकारिणी भी लगी हुई है। देखा जाए तो भाजपा प्रत्याशी नीरज शेखर को जीत दिलाकर संसद में भेजने के लिए कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा को चुनौती मिली है। कुल मिलाकर भाजपा अपना दुर्गा सुरक्षित करने में पूरी ताकत लगाए हुए है। अगर भाजपा को इस सीट पर इस बार विजय मिली तो जीत की हैट्रिक तय है।

*सपा में राजनीति के माहिरों की साख दांव पर..*
उधर सपा प्रत्याशी सनातन पांडेय को संसद तक पहुंचाने के लिए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव एवं पूर्व नेता प्रतिपक्ष रहे राम गोविंद चौधरी के साथ ही जनपद के तीन सपा विधायक एवं कई दिग्गज नेता लगे हैं। जिसमें फेफना विधानसभा के विधायक व जिलाध्यक्ष संग्राम यादव, बैरिया विधानसभा के विधायक जयप्रकाश यादव तथा सिकंदरपुर विधानसभा के सपा विधायक मुहम्मद जियाउद्दीन रिजवी रात-दिन एक किए हुए हैं। इसके साथ ही पूर्व मंत्री नारद राय एवं दो बार विधानसभा प्रत्याशी रहे लक्ष्मण गुप्ता के नाम भी शामिल हैं। यह सभी नेता राजनीति के मजे व सधे हुए खिलाड़ी हैं।

*बसपा उम्मीदवार के लिए उमाशंकर सिंह बनेंगे तारणहार !*
बलिया लोकसभा सीट की बात करें तो इस बार बहुजन समाज पार्टी ने लल्लन सिंह यादव को अपना उम्मीदवार बनाकर चुनाव मैदान में उतारा है। लल्लन सिंह यादव मूल रूप से गाजीपुर के रहने वाले हैं। इंटर की पढ़ाई के बाद वह सेना में भर्ती हुए तथा वर्ष 2009 में रिटायर्ड होने के बाद बसपा से जुड़ गए और संगठन को मजबूती प्रदान करने में लगे रहे। बसपा उम्मीदवार ललन सिंह यादव को संसद में भेजने के लिए शीर्ष नेतृत्व के साथ ही प्रदेश के एकलौते बसपा विधायक उमाशंकर सिंह की तारणहार बन सकते हैं। पूर्वांचल की कई सीटों पर विधायक की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। बसपा विधायक हर हाल में बलिया और सलेमपुर लोकसभा सीट पर जीत दर्ज करना चाहते हैं। इसके लिए पूरी कार्यकारिणी अभी से चुनावी रणनीति तैयार करने में जुट गई है।





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