गाजीपुर। जिला जेल में तबीयत खराब होने पर सदर अस्पताल पहुंचे 73 वर्षीय दीनानाथ गिरि की इलाज के दौरान गुरुवार को मौत हो गई। वह श्यामदेव गिरी की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे थे। 15 दिन पूर्व उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। ठीक होने के बाद जिला कारागार ले जाया गया। लेकिन पुनः हालत बिगड़ने लगी और अस्पताल लाने पर चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।
करंडा थाना क्षेत्र के गांव हिमर्दोपुर मठिया में 29 अप्रैल 2010 को भरी पंचायत में लाइसेंसी बंदूक से श्यामदेव गिरी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसमें श्यामदेव के पुत्र शशिकांत ने स्थानीय गांव के हरिहर गिरी व दीनानाथ गिरी को आरोपित किया था। मुकदमा दर्ज होने के लगभग एक माह बाद प्रशासन ने लखनचंदपुर निवासी पूर्व ब्लाक प्रमुख धनंजय सिंह को भी 120बी के तहत दोषी बनाया था। पांच अप्रैल 2019 को हत्याकांड मामले की सुनवाई के बाद फास्ट ट्रैक कोर्ट द्वितीय ने अभियुक्त दीनानाथ गिरी व हरिहर गिरी को दोषी मानते हुए उम्रकैद के साथ 50-50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई थी। इसके साथ ही धनंजय सिंह को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त करार दिया था। दीनानाथ तभी से जिला जेल में निरुद्ध थे।
दीनानाथ लकवाग्रस्त भी थे। उन्हें चलने-फिरने व सांस लेने में काफी समय से कठिनाई हो रही थी। सीने में दर्द था। वह काफी दिनों से बीमार थे। बीते 18 अगस्त की रात उसकी तबीयत अधिक खराब हो गई। जिला जेल के अस्पताल से उन्हें जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।