लखनऊ। औरैया में स्वतंत्रता दिवस पर डीएम सुनील कुमार वर्मा ने कलेक्ट्रेट में ध्वजारोहण किया। हालांकि इस दौरान उनसे बहुत बड़ी चूक हो गई। वहां उल्टे झंडे का ध्वजारोहण कर दिया गया और राष्ट्रगान गाकर अधीनस्थों को शपथ दिला दी गई। तभी एक कर्मचारी द्वारा गौर से इस राष्ट्रीय ध्वज को देखा, तो उसने इसकी जानकारी जिलाधिकारी को दी। जानकारी होते ही जिलाधिकारी द्वारा सोशल मीडिया पर वायरल किए गए फोटो व वीडियो को आनन- फानन में तत्काल डिलीट कराया गया।

वीडियो वायरल होने के बाद झंडे को सीधा कराया मगर तब तक काफी देर हो चुकी थी। लोगों ने यह पूरा वीडियो अपने मोबाइल में कैद कर लिया था। इससे डीएम के हाथ-पांव फूल गए और उन्होंने आनन-फानन में झंडे को सीधा कराया उसके उपरांत उन्होंने फिर सोशल मीडिया पर फोटो दोबारा से वायरल किए गया और झंडा सीधा करके उनके द्वारा रोहण किया गया।
सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ वीडियो मगर तब तक यह उल्टे झंडे का ध्वजारोहण करने का वीडियो मीडिया पर वायरल हो चुका था। वीडियो वायरल होने के बाद पूरे उल्टे झंडे के ध्वजारोहण की चर्चाएं तेज हो गई। वहीं लोगों ने दबी जुबान से भी कहा कि यह वहीं जिलाधिकारी हैं। जिन्होंने भारत रत्न की तर्ज पर औरैया रत्न भी दिए जाने का कार्य किया है। जिन लोगों को औरैया रत्न से सम्मानित किया गया है वह या तो व्यापारी हैं या फिर ऊंचे स्तर के अधिकारी हैं।

ऐसे में जिलाधिकारी की कार्य प्रणाली पर सवाल उठना लाजमी था। वहीं कुछ चाटुकारों ने यह भी बयान जारी किया कि ध्वजारोहण जो उल्टे झंडे हुआ है वह सिर्फ एक ट्रायल था। मगर उन्हें शायद यह मालूम नहीं था कि ट्रायल के दौरान न तो शपथ दिलाई जाती है और न ही राष्ट्रगान होता है। वैसे वायरल वीडियो होने के बाद जिलाधिकारी के इस कारनामे की चर्चा जोर शोर से चारों ओर हो रही है।