बलिया के चर्चित खाद्यान्न घोटाले में ईओडब्लू की टीम ने आरोपियों से की पूछताछ

तीन दिन से ईओडब्लू की टीम बलिया में जगह-जगह दे रही है दबिश
बलिया। बीस साल पहले बलिया के चर्चित खाद्यान घोटाले की जांच व फरार अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए वाराणसी आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन (ईओडब्ल्यू) की टीम तीन दिन से बलिया में रूकी हुई है। टीम ने खाद्यान्न घोटाला में शामिल कई लोगों से पूछताछ की है। जांच में पता चला कि घोटाले में शामिल कुछ आरोपियों की मौत हो चुकी है। टीम ने उनका मृत्यु प्रमाण पत्र लेने के साथ ही, हाईकोर्ट से जमानत ले चुके लोगों से कागजात भी लिए। गुरुवार की देर रात सीयर ब्लॉक के पूर्व प्रमुख एवं सपा नेता भीम प्रसाद को ईओडब्ल्यू की टीम पूछताछ के लिए उन्हें गांव से हिरासत में लेकर वाराणसी चली गई। घटना से खाद्यान्न घोटालेबाजों में हड़कंप की स्थिति बनी हुई है। अन्य टीमें जनपद के अलग-अलग हिस्सों में लगातार कार्रवाई कर रही है। इससे हड़कंप मचा हुआ है।

बेल्थरारोड चर्चित खाद्यान्न घोटाले का जिक्र करीब दो दशक बाद एक बार फिर जाग उठा है। 20 वर्ष पूर्व बलिया के चर्चित खाद्यान्न घोटाले की जांच कर रही वाराणसी आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन (ईओडब्ल्यू) की टीम ने गुरुवार की देर रात सीयर ब्लॉक के पूर्व प्रमुख व सपा नेता भीम प्रसाद को पूछताछ के लिए उनके गांव से अपने हिरासत में लेकर वाराणसी चली गई। इस घटना से खाद्यान्न घोटालेबाजों में हड़कंप की स्थिति है। उधर क्षेत्र के चैनपुर मठिया निवासी कोटेदार विरेंद्र शर्मा को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया है। दोनों के साथ अधिकारियों की टीम उभांव थाने पहुंची। ईओडब्ल्यू वाराणसी के तीन अधिकारियों की टीम ने उभांव थाने पर बंद कमरे में उनसे काफी देर तक पूछताछ की। बाद में दागी रहे कोटेदार को छोड़ दिया और पूर्व प्रमुख भीम प्रसाद को देर रात अपने साथ वाराणसी लेती गई। ईओडब्लू वाराणसी के अधिकारी एके सिंह ने सीयर पूर्व प्रमुख भीम प्रसाद के गिरफ्तारी की पुष्टि की है।
2002 व 2005 करोड़ों के घोटाले में आर्थिक अपराध..
बलिया जनपद में संपूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना के तहत खाद्यान्न वितरण में हुए करोड़ों के घोटाले में आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन जांच कर रही है। संपूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना के तहत बलिया जनपद में वर्ष 2002 से 2005 के बीच श्रमिकों को काम के बदले नगद व अनाज देना था। लेकिन दो दशक पहले जनपद में नगद और अनाज देने के नाम पर करोड़ों का घोटाला किया गया था।

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