सरयू नदी के छाडऩ में मां के साथ नहाने गई पांच बालाओंं में से तीन को लोगों ने बचाया, दो हुई थी लापता
बांसडीह। जीवित्पुत्रिका व्रत के दौरान सैकड़ों महिलाएं सरयू नदी के छाडऩ में कुडिय़ा घाट पर स्नान करने गई थी। व्रती महिलाओं के साथ बच्चे और कम उम्र की बालिकाएं भी नदी तट पर गई थी। इसी बीच बुधवार को सायंकाल पांच बालिकाएं नदी के गहरे पानी में डूबने लगी। महिलाओं के शोर मचाने पर आस-पास के लोग वहां पहुंच गए। किसी तरह तीन बच्चियों को डूबने से बचा लिया, लेकिन नदी की तेज धारा की वजह से दो पता नहीं चल सका।

कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत सरयू नदी के छाडऩ में कुडिय़ा घाट पर बुधवार की शाम सैकड़ों महिलाएं स्नान करने पहुंची थीं। इस दौरान रीना (१४) पुत्री रामदेव, गोल्डी (१४) पुत्री रामजी यादव, नितू (१३) पुत्री छोटे लाल, खुश्बू (१२) पुत्री योगेंद्र यादव, प्रीति (१२) पुत्री राजकुमार यादव अचानक डूबने लगीं।

तटवर्ती मल्लाह एवं अन्य लोग जबतक इन्हें बचा पाते रीना और गोल्डी नदी की धारा में समा गई। गुरुवार की सुबह रीना के शव को बरामद कर लिया गया है, जबकि गोल्डी की तलाश में अभी पुलिस एवं एनडीआरएफ की टीम लगी हुई है। नदी में डूबने वाली सभी बालिकाएं राजागांव खरौनी के फिरंगी टोला की रहने वाली हैं।

मौके पर एसडीएम दुष्यंत मौर्य, तहसीलदार प्रवीण सिंह, क्षेत्राधिकारी प्रीति त्रिपाठी, प्रभारी निरीक्षक श्रीधर पांडेय के साथ ही अन्य प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारी पहुंच चुके हैँ। गोताखोरों एवं तटवर्ती मल्लाहों के माध्यम से डूबी बालिका की तलाश की जा रही है।
-बांसडीह से रविशंकर पांडेय की रिपोर्ट..