बलिया। चौथेपन की लाठी लिए कांप रहे हाथ न्याय की गुहार कर रहे हैं। लेकिन समस्याओं से जूझ रहे बुजुर्ग दंपत्ती की पुकार किसी ने नहीं सुनी। इससे दु:खी बुजुग महिला एवं परिवार के सदस्यों ने अन्न-जल त्याग दिया और भूख हड़ताल पर बैठ गए। उनका आरोप है कि उनके पड़ोसी आने-जाने का रास्ता बंद कर दिए हैं। रास्ते को खोलने के लिए वह मुकामी थाने से लेकर उच्चाधिकारियों तक से गुहार लगाकर थक चुके हैं। लेकिन न्याय नहीं मिला। अंतत: कोई रास्ता न दिखाई देने पर परिवार की बुजुर्ग महिला के नेतृत्व में बेटे, बहू, मासूम बच्चे के साथ मंगलवार को पूरा कुनबा भूख हड़ताल पर बैठ गया। बुजुर्ग महिला एवं उसका पूरा परिवार चिलकहर थाने के रहने वाले हैं। पीडि़त परिवार के भूख हड़ताल पर बैठने की सूचना मिलते ही एसडीएम रसड़ा ने एक टीम गठित कर मामले की जांच करने के लिए मौके पर भेज दिया है। साथ ही न्याय दिलाने का भरोसा जताया। इसके बाद पीडि़त परिवार ने भूख हड़ताल समाप्त किया।
विकास खंड चिलकहर के पिपरापट्टी बहोरापुर निवासी कुसुमलता पत्नी रविंद्र कुमार ने बताया कि गांव में एक जमीन का टुकड़ा उसके ससुर गजाधर के नाम से है। उक्त आराजी में उसके साथ अन्य सह खातेदार भी है। उसी आराजी में महिला का घर भी है। यहीं विपक्षीगणों द्वारा अपना मकान बनाया गया है। आराजी से सटे ग्राम समाज की भूमि को विपक्षियों ने कब्जा कर लिया है। महिला का आरोप है कि पड़ोसी इस प्रकार अपने घर का निर्माण कराया हैं कि रास्ता बन्द हो गया है। महिला का कहना है कि बन्द रास्ते को खुलवाने के लिए उसने प्रशासन को कई बार शिकायती पत्र भी दिया है, लेकिन प्रशासन द्वारा रास्ता खुलवाने में कोई रुचि नहीं ली जा रही है। तहसील स्तर पर सभी अधिकारियों से गुहार की गई है। प्रशासन के लापरवाह रवैए से परेशान महिला मंगलवार को तहसील परिसर में भूख हड़ताल पर बैठ गई, इसकी जानकारी होते ही तहसील प्रशासन में हड़कंप मच गया। इसके बाद एसडीएम तत्काल भूख हड़ताल करने वाले बुजुर्ग महिला एवं उनके परिजनों से मिले। साथ ही उक्त प्रकरण में जांच कराने एवं सच्चाई जानने के लिए एक टीम गठित कर मौके पर भेजा। इस मामले में नियमानुसार कार्रवाई का आश्वासन देकर भूख हड़ताल समाप्त कराया।