बलिया। सदर तहसील के बाढ़ पीडि़तों की किसी ने सुधि नहीं ली है। यह हताश और निराश है। इनका हौसला पस्त हो चुका है। राहत की आश बिखर गई है। यह हाल ग्राम पंचायत गंगहरा और सागरपाली कोलहवा बाबा तथा मिनी स्टेडियम के पास बसे बाढ़ पीडि़तों के हैं। इन्हं अभी तक सरकारी सहायता मय्यसर नहीं हुई है। जिला प्रशासन की तरफ से अभी तक कोई सहयोग नहीं मिला है। जबकि पिछले महीने गांव से कुछ दूरी पर स्थित नागाजी सरस्वती विद्या मंदिर में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आए थे तथा हैबतपुर गांव में बाढ़ पीडि़तों को राहत सामग्री भी बांटे थे। बाढ़ के समय सूबे के मंत्री उपेंद्र तिवारी ने भी राहत सामग्री का वितरण किया, लेकिन इन पीडि़तों के साथ भेदभाव किया जा रहा है।

सीएम ने बलिया से जाते समय जनपद के सभी बाढ़ पीडि़तों को राशन सामग्री पहुंचाने का निर्देश जिला प्रशासन को दिया था। लेकिन बगल के गांव में भी आज तक राशन नहीं पहुंचा। पीडि़त दाने-दाने को मजबूर हैं। भूखे-प्यासे लोग यहां किसी तरह जीवन गुजार रहे हैं। पीडि़तों का आरोप है कि स्थानीय जनप्रतिनिधि सरकार को बदनाम करने का काम कर रहे हैं। जबकि पूर्व की सपा सरकार में ऐसा कभी नहीं हुआ। क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित गांव थमहनपुरा, इंदरपुर, अंजोरपुर, कोट, भिखारीपुर, मझरिया, चेरूइया, छोटकी नरहीं, आदि गांव में मंत्री उपेन्द्र तिवारी के हाथों से बाढ़ पीडि़तों को राशन वितरण किया गया। जबकि इसी क्षेत्र के कुछ गावों को छोड़ दिया गया। वहीं वंचित गांव के लोगों का कहना है कि पूर्व की सपा सरकार द्वारा इस तरीके का सौतेला व्यवहार नहीं किया गया जो भी सहयोग आया है पूरे गांव के लिए आया। विजय गोंड, रामवदन खरवार, बच्चा लाल पासवान, अच्छे लाल, लाल वचन, संजय यादव रमावती देवी, नीतू देवी आरती का कहना है इस तरीके का व्यवहार कर वर्तमान मोदी एवं योगी सरकार को जमीन पर बदनाम करने का कार्य उनके प्रतिनिधियों द्वारा किया जा रहा है।