बलिया। पूर्वाचल के सबसे अतिपिछड़े जनपद बलिया में पेट्रोलियम का भंडारण खोज लिया गया है। शहर से सटे हैबतपुर गांव में कच्चा तेल (पेट्रोलियम) का अकूत भंडार होने की बात ऑयल एंड नैचुरल गैस कारपोरेशन लिमिटेड (ओएनजीसी) ने सैंपलिंग के बाद कही है। ऐसा अमेरिका की सैसमिक मशीन की मदद से किया जा सका है। टीम ने एक तकनीकी सर्वे रिपोर्ट तैयार की है। जिसमें जमीन के चार किमी नीचे भारी मात्रा में कच्चा तेल (क्रूड आयल) मौजूद होने के संकेत मिले हैं। ओएनजीसी के मुताबिक बहुत जल्द यहां भौगोलिक परीक्षण शुरू किया जाएगा। इसके लिए एक अलग से टीम गठित करने की दिशा में ओएनजीसी ने कार्य आरेभ कर दिया है।
बहुत जल्द हैबतपुर गांव के उत्तरी-पश्चिमी हिस्से में ड्रिंलिंग रिग मशीन (अमेरिकन मशीन) की सहायता से जमीन से चार किलोमीटर नीचे तक ड्रिलिंग का कार्य शुरू किया जाना है। इसके लिए गांव में करीब साढ़े छह बीघा जमीन पर चिन्ह लगा दिया गया है। उक्त जमीन यहां के किसानों की है, चारों दिशाओं में लगभग 60० मीटर एरिया को सुरक्षित कर लिया गया है। वैसे पहली बार ड्रिलिंग करने में खर्च काफी आ सकता , लेकिन जब यहां से कच्चा तेल निकलना शुरू होगा तो आने वाले तीन दशक तक देश को बड़ा भंडार मिल सकता है। इससे 40 तरह के पेट्रोलियम उत्पाद तैयार किए जा सकते हैं। इसमें तारकोल भी शामिल है। इसके जरिए कच्चा तेल के लिए भारत आत्मनिर्भर होगा और देश में पेट्रो पदार्थों के दाम में गिरावट आएगी। इसके साथ ही बलिया ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश में रोजगार और कारोबार के नए द्वार खुलेंगे।
0000
दशकों के प्रयास को मिलेगा मुकाम..
देश के कोने-कोने में ओएनजीसी की विशेष सर्वे टीम सैसमिक सर्वेक्षण कार्य में दशकों से जुटी है। इसी साल टीम ने उत्तर प्रदेश के बलिया और बिहार के समस्तीपुर में कच्चा तेल मौजूद होने की संभावना बताई थी। इस पर दो माह पहले विशेष टीम जनपद के हैबतपुर में आई। टीम के अधिकारियों ने भूखंड की मार्किंग किया है। ड्रिलिंग के दौरान जमीन के नीचे मौजूद कच्चा तेल, पानी और प्राकृतिक गैस को अलग किया जाएगा, लेकिन अभी ओएनजीसी को नहीं पता कि तेल पहले मिलेगा अथवा पानी। जब तेल निकलेगा तो उसे बैरल (119 लीटर क्षमता) में स्टोर किया जाएगा। फिर उसे रिफाइनरी कंपनियों को भेजेंगे। वहां शोधन होगा।