उच्च न्यायालय ने नपाध्यक्ष व ईओ को किया तलब, जानें पूरा मामला..

नगर पालिका परिषद में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर सपा जिला सचिव ने दायर की है जनहित याचिका
बलिया।
नगर में जगह-जगह वाहन स्टैंड बनाकर उससे अवैध कमाई की जा रही है। इसे नपा द्वारा कमाई का एक बड़ा जरिया बनाया गया है। जीजीआईसी में नौकरी करने के बाद भी पत्नी के नाम से ईओ द्वारा मेडिकल क्लेम का पैसा आहरित करना। आर्यन ग्रुप के साथ साठ-गांठ कर जनता की गाढ़ी कमाई को लूटना तथा जैम पोर्टल में कार्य शुल्क अधिक दिखाकर उसमें घोटाला करना आदि तमाम मुद्दों को लेकर सपा के जिला सचिव एवं पूर्व सभासद आदर्श कुमार मिश्र उर्फ झब्बू ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। इस पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश मुनिश्वर नाथ मंडारी एवं अनिल कुमार ओझा की पीठ ने प्रथम दृष्टया अधिशासी अधिकारी को दोषी पाते हुए तीन सप्ताह के अंदर ईओ दिनेश कुमार विश्वकर्मा, चेयरमैन अजय कुमार, प्रमुख सचिव तथा जिलाधिकारी बलिया से काउंटर एफीडेविट लगाने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट की इस कार्रवाई से नगरवासियों में जहां हर्ष है, वहीं नपा ईओ तथा चेयरमैन के दिल की धड़कन तेज हो गई है।

नगर पालिका की कमान जबसे चेयरमैन अजय कुमार तथा ईओ दिनेश विश्वकर्मा के हाथों में गई है। तभी से कभी कुछ तो कभी कुछ लेकर नपा हमेशा चर्चा में रही है। इंडिया मार्का हैंडपंप घोटाला, नगर में जहां-तहां स्टैंड लगवाना, बोर्ड मीटिंग न होना, जैम पोर्टल में मनमानी आदि तमाम मामलों को लेकर नगर पालिका बलिया हमेशा सवालों के घेरे में रही है। नगर पालिका में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर समय-समय पर समाजसेवी संस्थानों तथा छात्र नेताओं ने आंदोलन किया है। लेकिन समस्या जस की तस बनी रही। अंतत: समाजवादी पार्टी के जिला सचिव व पूर्व सभासद आदर्श कुमार मिश्र ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। नतीजन मुख्य न्यायाधीश मुनिश्वर नाथ मंडारी एवं अनिल कुमार ओझा की पीठ ने प्रथम दृष्टया अधिशासी अधिकारी को दोषी पाते हुए तीन सप्ताह के अंदर ईओ दिनेश कुमार विश्वकर्मा, चेयरमैन अजय कुमार, प्रमुख सचिव तथा जिलाधिकारी बलिया से काउंटर एफीडेबिट लगाने का आदेश दिया है।

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