लखनऊ/मऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती ने साफ कहा कि इस बार विधानसभा चुनाव में किसी माफिया को पार्टी का टिकट नहीं दिया जाएगा। बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी का नाम लेते हुए कहा कि इस बार मऊ विधानसभा क्षेत्र से वह बसपा के प्रदेश अध्यक्ष भीम राजभर को मैदान में उतारेंगी।
देखा जाए तो भीम राजभर राजनीति के काफी अनुभवी खिलाड़ी हैं और पार्टी उन पर अपना दाव लगा सकती है। मायावती ने पूरे भरोस के साथ भीम राजभर को मुख्तार के विरोध में चुनावी रण में उतारने का फैसला लिया है। मायावती ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। उन्होंने ट्वीटर पर आगे लिखा है कि बीएसपी का अगामी विधानसभा चुनाव में प्रयास होगा कि किसी भी बाहुबली और माफिया को पार्टी से चुनाव न लड़ाया जाए। इसके मद्देनजर ही आजमगढ़ मंडल की मऊ विधानसभा सीट से अब मुख्तार अंसारी का नहीं, बल्कि यूपी के बीएसपी प्रदेश अध्यक्ष भीम राजभर के नाम को फाइनल किया गया है।
उन्होंने यह भी कहा कि बीएसपी का संकल्प Óकानून द्वारा कानून का राजÓ के साथ ही यूपी की तस्वीर को भी विकास के जरिए बदल देने का है। जिससे प्रदेश व देश ही नहीं, बल्कि बच्चा-बच्चा कहे कि सरकार हो तो बहन जी की। Óसर्वजन हिताय व सर्वजन सुखायÓ जैसी। हमेशा से बहुजन समाज पार्टी की मुखिया ने जो कहा है, वह किया है। यही बीएसपी की सही पहचान भी है।
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बसपा ने रचा राजभर बिरादरी को जोडऩे का चक्रव्यू..
मऊ। बीएसपी प्रदेश अध्यक्ष राजभर बिरादरी से आते हैंं। पहले बसपा में राजभर नेताओं में रामअचल राजभर हुआ करते थे, लेकिन पंचायत चुनाव के दौरान गड़बड़ी पर उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया। इसीलिए राजभर बिरादरी का साथ पाने के लिए भीम राजभर को आगे बढ़ाया जा रहा है। मायावती ने सात सितंबर को हुए प्रबुद्ध वर्ग विचार गोष्ठी के समापन के दौरान उन्हें अपने साथ मंच पर बैठाकर इस समाज के लोगों को संदेश देने का काम किया। बसपा ने वर्ष २०१७ विधानसभा चुनाव में मुख्तार अंसारी को मऊ और उनके बेटे अब्बास अंसारी को घोसी से टिकट दिया था। मुख्तार अंसारी तो मऊ से चुनाव जीत गए, लेकिन उनका बेटा अब्बास अंसारी घोषी में भाजपा उम्मीदवार फागू चौहान से चुनाव हार गया। इस बार मुख्तार अंसारी का बसपा से टिकट नहीं मिलेगा। इसके बाद राजनैतिक गलियारों में चर्चाओं का दौरान जारी है।