जिले में नौ से 22 मार्च तक एक बार फिर चलेगा सघन क्षय रोगी खोज अभियान
स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर पहुंचकर टीबी मरीजों की करेगी पहचान
बलिया। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिले में स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में नौ मार्च से सक्रिय क्षय रोगी खोज अभियान ( एक्टिव केस फाईंडिंग) चलाया जाएगा। यह अभियान सभी ब्लाक में चलेगा। इसकी जानकारी जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ० आनंद कुमार ने दी। डॉ. आनन्द ने बताया कि इस अभियान के तहत पूरे जिले की 20 प्रतिशत आबादी को लक्षित किया जाएगा। इसके लिए 271 टीमें बनाई जाएंगी और हर पांच टीम पर एक सुपरवाईजर तैनात किया जाएगा। प्रत्येक टीम में तीन सदस्यों को शामिल किया जाएगा जो पूरे जनपद में घर-घर भ्रमण कर लक्ष्य के सापेक्ष टीबी के मरीजों को चिन्हित करने का कार्य करेंगे और जल्द से जल्द नए टीबी मरीजों का इलाज सुनिश्चित किया जाएगा।
प्रत्येक मरीज को निक्षय पोषण योजना के अंतर्गत इलाज के दौरान 500 रुपये प्रतिमाह सीधे बैंक खाते में दिया जाता है।
जानें क्षय रोग के बारे में..
बलिया। टीबी एक संक्रामक बीमारी है जो कि ‘माइक्रोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस’ बैक्टीरिया के कारण होती है। यह रोग हवा के माध्यम से फैलता है। फेफड़ों में होने वाली टीबी को पल्मोनरी टीबी कहा जाता है और जब यह शरीर के किसी दूसरे भाग में होती है तो इसे एक्स्ट्रा पल्मोनरी टीबी कहा जाता हैं। जब क्षय रोग से ग्रसित व्यक्ति बोलता, खांसता या छींकता है तब उसके साथ संक्रामक ड्रापलेट्स न्यूक्लाइड उत्पन्न होते हैं, जो कि हवा के माध्यम से किसी अन्य स्वस्थ व्यक्ति को प्रभावित कर सकते हैं।
जिले में 2967 टीबी मरीजों का चल रहा इलाज
बलिया। जनपद में इस समय 2967 टीबी मरीजों का इलाज चल रहा है। जिसमें 124 एमडीआर टीबी के रोगी हैं। जनवरी 2021 से अबतक कुल 4666 टीबी रोगियों की जांच में पुष्टि हुई है। इस बात की जानकारी क्षय रोग विभाग के जिला कार्यक्रम समन्वयक आशीष सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2018 से अब तक टीबी रोगियों को “निक्षय पोषण” योजना के तहत 500 रुपये प्रति माह के हिसाब से 20 करोड़ 93 लाख रुपये का भुगतान किया गया है। नये रोगियों की सूची तैयार की जा रही है।