शहरी निकाय चुनाव के खर्च में हुई वृद्धि

नगर निकाय चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने तैयारी पूरी की

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में शहरी निकाय चुनाव के खर्च राशि में वृद्धि कर दी गई है। नगर निकाय चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से तैयारियों को पूरा कराया जा रहा है। इस क्रम में यह बड़ा निर्णय लिया गया है। खर्च का नया स्वरूप तय किए जाने से अब शहरी निकायों में चुनाव लड़ने की इच्छा रखने वालों को अपनी जेब मजबूत करनी होगी।
राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से नगरीय निकाय के आगामी चुनाव में खर्च सीमा को डेढ़ गुना बढ़ा दिया गया है। नगरीय निकायों के सीमा क्षेत्र में वृद्धि हुई है। ऐसे में प्रचार के दौरान खर्च भी बढ़ गया है। तमाम पहलुओं पर विचार करने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से इस राशि में वृद्धि की गई है।

उत्‍तर प्रदेश में इस साल नवंबर-दिसंबर तक नगरीय निकाय चुनाव होने हैं। इस चुनाव के लिए प्रत्याशियों की खर्च सीमा में डेढ़ गुने से ज्यादा की बढ़ोतरी की गई है। नगर निगम, नगर पालिका व नगर पंचायत के अध्यक्ष से लेकर सदस्य तक की खर्च सीमा बढ़ाई गई है। मेयर पद के प्रत्याशी अब 35 लाख रुपये तक खर्च कर सकेंगे। राज्य निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को इसका आदेश जारी कर दिया है। निकाय चुनाव को लेकर अन्य तैयारियों में भी तेजी लाई गई है। नगर निकायों के पुनगर्ठन और नए क्षेत्रों को जोड़े जाने के बाद शहरी निकायों की मतदाता सूची के पुनरीक्षण का कार्य की तैयारी है।
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परिसीमन के आधार पर तैयार होंगे वोटर लिस्ट
प्रदेश के नगर निकायों में वार्डों में के पुनर्गठन और परिसीमन के बाद रिपोर्ट का इंतजार आयोग के स्तर पर किया जा रहा है। आयोग का कहना है कि इस रिपोर्ट के आने के बाद वोटर लिस्ट पुनरीक्षण का कार्य शुरू किया जाएगा। नए वोटर लिस्ट के आधार पर वर्ष 2022 में होने वाले निकाय चुनाव में मतदाताओं को वोटिंग का अधिकार मिलेगा। यूपी के नगर निकायों में वर्तमान बोर्ड का कार्यकाल 5 जनवरी 2024 को समाप्त हो रहा है। इसको लेकर नवंबर-दिसंबर में चुनाव कराए जाने की तैयारी की गई है। वर्ष 2017 में प्रदेश में तीन चरणों में नगर निकाय चुनाव कराए गए थे। 22, 26 और 29 नवंबर 2017 को निकाय चुनाव की वोटिंग हुई थी। इसी तिथि के आसपास इस बार भी चुनाव कराए जाने की तैयारी है।

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नामांकन के लिए जमानत राशि में बदलाव नहीं
निर्वाचन आयोग ने नामांकन पत्र व जमानत रकम में कोई बदलाव नहीं किया है। ओबीसी, एससी संवर्ग व महिला प्रत्याशी को अनारक्षित श्रेणी के उम्मीदवार के मुकाबले नामांकन पत्र व जमानत राशि आधी देनी होगी। आरक्षित वर्ग का प्रत्याशी अनारक्षित पद के लिए नामांकन करता है तब भी उसे नामांकन पत्र व जमानत के लिए आधी धनराशि ही देनी होगी। वर्ष 2017 के शहरी निकाय चुनाव में 652 नगर निकाय शामिल थे। इसमें 16 नगर निगम, 198 नगर पालिका और 438 नगर पंचायत शामिल थे। पिछले दिनों 82 नए नगर निकायों का गठन किया गया है। इस तरह अब शहरी निकायों की कुल संख्या 734 हो गई है। इनमें 17 नगर निगम, 200 नगर पालिका और 517 नगर पंचायतें शामिल हैं। परिसीमन रिपोर्ट आने के बाद इसमें कुछ और वृद्धि भी हो सकती है।
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नगर निकाय चुनाव पर खर्च की नई सीमा :
पदनाम खर्च सीमा- पहले खर्च सीमा- अब
मेयर (80 से कम वॉर्ड ) 20 लाख से 35 लाख
मेयर (80 या अधिक वॉर्ड ) 25 लाख से 40 लाख।
पार्षद दो लाख से तीन लाख
नगर पालिका अध्यक्ष (25 से 40 वॉर्ड) छह लाख से नौ लाख।
नगर पालिका अध्यक्ष (41 से 55 वॉर्ड) 8 लाख 12 लाख।
नगर पालिका सदस्य 1.5 लाख दो लाख।
नगर पंचायत अध्यक्ष 1.5 लाख 2.50 लाख।
नगर पंचायत सदस्य 30 हजार 50 हजार।
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