गाजीपुर। अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार की शाखा गायत्री शक्तिपीठ गोंडा देहाती पर दिनांक सात से आठ अगस्त तक दो दिवसीय अंतः ऊर्जा जागरण साधना सत्र (मौन साधना) रविवार को समाप्त हुआ। अखिल विश्व गायत्री परिवार गायत्री शक्तिपीठ गोंडा देहाती पर दो दिवसीय अंतः ऊर्जा जागरण साधना सत्र (मौन साधना ) का आयोजन रविवार को किया गया, जो पूर्णत: आवासीय रहा।
अंतः उर्जा जागरण साधना सत्र के लिए शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ 15 साधकों के द्वारा इसे सफलतापूर्वक संपन्न किया गया। इस विशेष साधना में साधक प्रातः 4:00 बजे से सायं 6:00 बजे तक चलने वाले विभिन्न साधना के क्रम में प्राणायाम, ध्यान, योग निद्रा, श्वासन, त्रमंत्र जप, आत्म- चिंतन एवं आत्म -मंथन आदि प्रक्रियाएं अपनाई जाती है। गायत्री शक्तिपीठ पर चल रहे इस साधना से आम जनमानस को जोड़कर उन्हें शारीरिक एवं मानसिक रोगों के मूल तत्व को नष्ट कर, उन्हें बौद्धिक,चारित्रिक, नैतिक,सांस्कृतिक उत्थान हेतु प्रेरित किया जाता है।

अंतः ऊर्जा जागरण सत्र के महत्व को बताते हुए गायत्री शक्तिपीठ के मुख्य प्रबंधक ट्रस्टी सुरेंद्र सिंह ने कहा कि “तप ही व्यक्ति निर्माण की धुरी है। तप से प्रजापति ने इस सृष्टि को सृजा। सूर्य तपा और संसार को तपाने में समर्थ हुए। शक्ति और वैभव का उदय तप से ही होता है। तप करने वाला व्यक्ति बलवान बनता है। तपस्वी, ओजस्वी, तेजस्वी बनना हो तो तपश्चार्य का ही अवलंबन लेना पड़ता है। अतः हर व्यक्ति को तप युक्त जीवन जीना चाहिए”।
सत्र को संचालन कर रहे शरद शर्मा ने कहा कि “इस साधना के द्वारा मानव में देवत्व के उदय से उसके जीवन लक्ष्य को बोध कराना, अपने आपको तप साधना के द्वारा अपना परिष्कार करना तथा परिवार निर्माण, समाज निर्माण द्वारा इस धरती पर स्वर्ग के “जैसी परिस्थितियां खड़ा करना ही उद्देश्य है।
साधना सत्र में श्रीमती शैल कुमारी श्रीवास्तव, श्याम शरण सिंह,.श्रीमती सुनैना श्रीवास्तव, ज्ञानेंद्र नाथ दुबे, श्रीमती शर्मा दुबे, प्रेमलता यादव, वंदना राय, अंशुमन कुमार जायसवाल, माधुरी वर्मा एवं विजय प्रकाश श्रीवास्तव तथा पवन एवं युवा प्रभारी क्षितिज श्रीवास्तव के साथ युवा प्रकोष्ठ का विशेष योगदान रहा। यह जानकारी मीडिया प्रभारी विद्यासागर उपाध्याय ने दी है।