भरौली के महावीर घाट पर दी गई जल समाधि
बलिया। सोहांव विकास खंड के गोविन्दपुर-भरौली श्रीनाथ मठ के महंत स्वामी योगेन्द्र गिरी शनिवार की देर रात ब्रम्हलीन हो गए। वह 90 वर्ष के थे। उन्हें रविवार को भरौली के महावीर घाट पर जल समाधि दी गई। इसमें हजारों शिष्य शामिल हुए।
1990 में भरौली मठिया की गद्दी पर बैठे स्वामी योगेंद्र गिरी
बताते चलें कि स्वामी योगेन्द्र गिरी आजीवन बाल ब्रह्मचारी थे। उनके गुरु स्वामी सुदर्शन गिरि उनको चार वर्ष की आयु में उनके माता-पिता से मांग कर लाए थे।
1990 में भरौली मठिया की गद्दी पर बैठे। इसके पहले उनके गुरु महंत थे। स्वामी योगेंद्र गिरी ने अपने जीवन काल में बहुतों को धर्म के मार्ग पर चलने की शिक्षा दी। स्वामी जी के उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में ही नहीं, बल्कि बिहार में भी बहुत सारे अनुयाई हैं।
इंटर कॉलेज भरौली के शिक्षा समिति के अध्यक्ष थे
वह इंटरमीडिएट कॉलेज भरौली के शिक्षा समिति के अध्यक्ष भी थे। योगेन्द्र गिरी के ब्रम्हलीन होने की जानकारी होने पर बक्सर, गाजीपुर और बलिया जिले के
सैकड़ों गांवों के हजारों शिष्यों ने अंतिम दर्शन किया तथा जलसमाधि में शामिल हुए।