बलिया। फेफना विधानसभा क्षेत्र की जनता एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव को लेकर लंबे समय से आंदोलन करती आ रही है। जनता ने लोकसभा चुनाव में मन बना लिया है कि स्थानीय रेलवे स्टेशन के जंक्शन पर एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव नहीं, तो वोट नहीं दिया जाएगा। इसे लेकर वृहद स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है।
ट्रेनों के ठहराव के साथ ऊपरगामी सेतु एवं वरिष्ठ नागरिक सुविधा बहाल करने की मांग
बता दें कि क्षेत्रीय संघर्ष समिति फेफना विगत जनवरी माह से फेफना जंक्शन रेलवे स्टेशन पर एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव सुनिश्चित करने, फेफना-गड़वार मार्ग पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर उपरिगामी सेतु का निर्माण करने तथा वरिष्ठ नागरिकों की सुविधाएं बहाल करने की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं। लेकिन लंबे आंदोलन के बावजूद संघर्ष समिति की मांग पर रेलवे के उच्च अधिकारियों ने अभी तक गंभीरता से विचार नहीं किया है। संघर्ष समिति के सदस्यों में इसे लेकर आक्रोश व्याप्त है। समिति के सदस्यों ने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती वह आगे भी आंदोलन जारी रखेंगे।
संघर्ष समिति ने लोकसभा चुनाव के कारण आंदोलन को दिया ठहराव
उक्त बातें क्षेत्रीय संघर्ष समिति फेफना के संयोजक जनार्दन सिंह ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान व्यक्त किया। कहा कि विगत 18 मार्च से फेफना जंक्शन रेलवे स्टेशन पर धरना -प्रदर्शन प्रारंभ होना था, लेकिन लोकसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद आंदोलन की रणनीति बदल दी गई। इन मांगों को लेकर कई बार स्टेशन मास्टर के माध्यम से रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष को ज्ञापन दिया गया, लेकिन कोई सार्थक पहल नहीं हुई।
गांव-गांव में बैठक कर लोगों को कर रहे जागरूक
वर्तमान में फेफना जंक्शन रेलवे स्टेशन पर एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। अब एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव नहीं, तो वोट नहीं..का नारा बुलंद करते हुए वृहद स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है। इसे लेकर गांव-गांव में बैठक की जा रही है। लोगों को जागरूक किया जा रहा है। लोकसभा चुनाव के बाद आंदोलन को धार दिया जाएगा। कहा कि हमारे द्वारा चुने हुए नेता के ऊपर क्षेत्र की समस्याओं को दूर करने की जिम्मेदारी होती है। यदि वह एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव, उपरिगामी सेतू का निर्माण एवं वरिष्ठ नागरिकों की सुविधाओं जैसी हमारी छोटी मांगों के लिए भी नहीं लड़ता है तो वह हमारा जनप्रतिनिधि नहीं हो सकता। कहा कि यदि शासन प्रशासन अथवा जनप्रतिनिधि जब यह पक्का भरोसा देंगे कि रेल से संबंधित क्षेत्रीय जनता की मांगे पूरी होगी तो वोट दिया जाएगा। अन्यथा वोट का बहिष्कार होगा। इस अवसर पर हसन जावेद, शिवाजी, लल्लन, भरत, रंग बहादुर, सत्येंद्र वर्मा, संतोष सिंह आदि मौजूद रहे।