मनीष हत्याकांड: सबूत मिटाने के लिए होटल से डीवीआर उठा ले गई पुलिस..

गोरखपुर। होटल चेकिंग के दौरान कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की पुलिस द्वारा पीटकर की गई हत्या के बाद सबूत मिटाने के उद्देश्य से दूसरे दिन सुबह पुलिस होटल से डीवीआर लेकर चली गई। जिसमें पुलिस के क्रूर किस्से कैद हैं। उसमें पुलिस के पहुंचने से लेकर सीढियों पर घसीटने तक की कहानी देखी जा सकती है।

घटना के दिन होटल पहुंचकर इंस्पेक्टर बोले सबसे पहले 512 नंबर रूम चेक करना है। होटल मालिक सुभाष शुक्ला उस वक्त होटल पर मौजूद नहीं थे। होटल मालिक का कहना है कि सोमवार की रात 12 ब‍जकर चार मिनट पर पुलिसवाले होटल पर आए। उनके साथ एसएचओ जेएन सिंह भी थे। कहा कि एसएसपी का आर्डर है, रूम चेक करा दीजिए। उस दिन उनके कुल सात कमरे बुक थे। 512 नंबर कमरे में कानपुर से एक और हरियाणा से दो व्यापारी रुके थे।

जब उन्‍होंने रजिस्‍टर चेक किया, तो बोले कि सबसे पहले यही रूम चेक करना है। इसके बाद वे उसके रिशेप्‍शन पर ड्यूटी दे रहे कर्मचारी को भी लेकर गए। रिसेप्‍शन से आईडी लेकर गए थे। वहां पर भी आईडी मिलाए। आईडी मिलने के बाद वापस आ गए। इस दौरान मनीष गुप्ता सोए हुए थे। उनको जगाकर आईडी मांगे और इसके बाद क्‍या हुआ, उन्‍हें जानकारी नहीं है ?

होटल मालिक सुभाष शुक्ला ने कहा कि इंस्पेक्टर जेएन सिंह कैसे आदमी हैं, सब जानते हैं। इस होटल में चार बार छापा मार चुके हैं। कहा कि मनीष को पुलिसवालों ने सीढियों से घसीटते हुए उतारा था। कारोबारी एवं प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता को जिस होटल में पुलिसवालों ने पीट-पीटकर मार डाला। उस होटल के मालिक ने भी पुलिस पर बेहद गंभीर आरोप लगाए। होटल मालिक ने कहा है कि खून से सने लाल तौलिया के बारे में उन्‍हें बाद में पता चला है। पत्रकारों के पूछने पर कहा कि हत्या के मामले में कुछ नहीं बता सकते कि मनीष की मौत कैसे हुई ?

कहा कि घटना के बाद सुबह ही पुलिस सीसीटीवी के डीवीआर को उठा ले गई। इसके पहले सीसीटीवी में देखा कि उसमें दो पुलिस वाले और होटल के दो स्‍टाफ मनीष को उठाकर अस्‍पताल ले जा रहे हैं। तब पुलिस वालों ने बताया था कि मनीष को गिरने से चोट लग गई है। पुलिस मनीष को इलाज के लिए मानसी हास्पिटल ले गई। वहां से मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। सीढि़यों और लिफ्ट पर खून के निशान भी लगे थे।
इनसेट..
खून से सने तौलिया के बारे में सुना है..
-होटल मालिक सुभाष शुक्ला ने कहा कि मुझे नहीं पता कि दोषी कौन है ? रेड इसलिए पड़ी कि तीन लोग रूम में थे। बाकी सभी कमरों में दो लोग थे। पहले ही रूम में घटना हो गई, पुलिस वाले सीसीटीवी का डीवीआर लेकर चले गए।
उन्होंने बताया कि इस तरह की घटना चार बार हो चुकी है। जेएन सिंह ने ही छापा मारा था। जब रामगढ़ताल नया थाना खुला था, तब भी रेड पड़ी थी। छापे की वजह से अब गेस्‍ट आना काफी कम हो गए हैं। पहले 10 से 12 रूम बुक होते थे और अब चार से पांच रूम ही बुक होते हैं। जेएन सिंह कैसे आदमी हैं, जो चर्चा है वो आप सभी लोग जानते हैं।
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मनीष के एक लाख कैश और पर्स अंगूठी गायब !
मनीष की हत्या के बाद ही चर्चा है कि पुलिस होटल में ठहरने वाले व्यापारियों को छापामारी के दौरान प्रताड़ित कर वसूली करती रही है। पहले भी पुलिस पर इस तरह प्रताड़ित कर वसूली के आरोपों की खबरें आती रही हैं।
ऐसे में कहा जा रहा है कि होटल में व्यापारियों के ठहरने की सूचना पर पुलिस उनसे वसूली करने आई थी। जबकि मृतक मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी भी आरोप लगा चुकी हैं कि उनके पति की मौत के बाद से उनके पास मौजूद करीब एक लाख रुपए कैश, मोबाइल, पर्स और सोने की चेन गायब है।

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