बलिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद में बेकसूर कारोबारी की हत्या का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कारोबारी मनीष गुप्ता की हत्या की घोर निंदा की। कहा कि भाजपा की सरकार में पुलिस जनता की सुरक्षा नहीं, बल्कि उनकी हत्या कर रही है। सरकार की एनकाउंटर नीति ने आम जनता को भी दहशत में डाल दिया है। सीएम के गृह जनपद में भी अंधेर नगरी मची है। इतनी बड़ी घटना के बाद जिलाधिकारी एवं पुलिस कप्तान इसे दबाने में लगे हैं। कारोबारी को न्याय न देकर मृतक की पत्नी से मुकदमा न दर्ज कराने का दबाव बनाया जा रहा है। शासन और प्रशासन दोनों की मिलीभगत है। इनसे न्याय की उम्मीद करना गलत है।

कहा कि पूर्व में भी ऐसी कई घटनाएं हो चुकी हैं। उसमें दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई हुई होती, तो घटना की पुनरावृत्ति नहीं होती, लेकिन शासन ने पूर्व की घटनाओं को नजरअंदाज कर दिया है। इसी का परिणाम है कि पुलिस द्वारा पीट-पीट कर की गई युवा व्यापारी की हत्या पूरे देश में गूंज रही है। लेकिन डीएम और एसपी यहां से अभी हटाए तक नहीं गए।

सपा प्रमुख अखिलेश यादव बुधवार को कानपुर में युवा कारोबारी मनीष गुप्ता के घर वाल़ों से मुलाकात की। वह परिजनों से मिलने के बाद योगी सरकार और यूपी पुलिस पर जमकर बरसे। सरकार से मृत मनीष गुप्ता के घर वालों के लिए दो करोड़ रुपये मुआवजे की मांग की। कहा कि ऐसी घटना की कोई कल्पना तक नहीं कर सकता है। कोई दोस्तों से मिलने जाए और परिवार के लोगों को उसकी मौत की सूचना मिले। ये गंभीर घटना है।

पुलिस की जिम्मेदारी लोगों की सुरक्षा करना है, लेकिन सीएम योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में पुलिस सुरक्षा नहीं, बल्कि लोगों की जान ले रही है। यूपी में पुलिस का ऐसा व्यवहार किसी भी सरकार में देखने को नहीं मिला। इसके लिए शासन प्रशासन बराबर के दोषी है। सपा की ओर से पीड़ित परिवार को 20 लाख रुपये दिए जाएंगे। साथ ही उन्होंने हाईकोर्ट के मौजूदा जज से मामले की जांच कराने की मांग भी की।