₹8000 न मिलने पर मां ने मासूमों को मौत के घाट उतारा था, अब गई जेल

गाजीपुर। मासूम बच्चों की परवरिश के लिए पति द्वारा पैसा न दिए जाने से नाराज पत्नी ने अपने ही कलेजे के टुकड़ों को जहर देकर मौत के घाट उतार दिया था। हत्या की आरोपी मां जेल जाते समय फफक- फफक कर रोने लगी। घरेलू कलह के बाद मां ने अपने दो बेटों व एक बेटी को जहर दे दिया था। बता दें कि सुहवल थाने के ढढनी भानमल राय में बीते 15 अगस्त की सुबह परिवारिक कलह के चलते अपने तीन मासूम बच्चों को चाय में जहर देकर एक मां उन्हें मौत की नींद सुला दी। आरोपी मां को पुलिस ने घटना के तीसरे दिन उसके मायके से गिरफ्तार कर लिया। थाने लाकर कड़ी पूछताछ के बाद पुलिस ने उसको बुधवार को संबन्धित धाराओं में चालान कर उसका मेडिकल मुआयना के बाद न्यायालय में पेश किया, जहाँ आरोपों की गंम्भीरता को देखते हुए न्यायालय ने हत्यारोपी मां को चौदह दिनों की न्यायिक हिरासत में जिला कारागार भेंज दिया। अपने तीन‌ मासूमों को हमेशा के लिए मौत की नींद सुला चुकी हत्यारोपी मां के जेल जाते समय उसे देखने उसके मायके या ससुराल के लोगों ने उसके द्वारा किए गए इस जघन्य कृत्यों को लेकर उससे दूरी बनाए रखा। यहां तक कि उसके चौथे व एकमात्र जिन्दा डेढ वर्षीय मासूम को भी लोगों ने उससे दूर रखा। हत्यारोपी मां आज जेल जाते समय अपने चारों तरफ पुलिस का पहरा देख विचलित नजर आई। वह चारों तरफ उदास चेहरे लिए सबको देख रही थी। आरोपी सुनिता ने तीसरे दिन जेल जाते समय मासूमों की याद आते ही फफक कर रो पड़ी। वह पुलिस से बोली मैं अपने बच्चों को‌ अस्पताल में जाकर देखना चाहती हूं कि उनकी तबियत ठीक है या नहीं कह दोबारा फफक कर रोने लगी।वहीं इतने बड़े हादसे के बाद घटना के तीसरे दिन ससुराल से लेकर मायके तक लोग मासूमों के मौत के गम में बदहवाश थे। चारों तरफ था तो सन्नाटा और परिजनों की चीखती आवाजें। लोगों का कहना था कि‌ तीनों मासूमों को क्या पता था कि आज उनकी जिन्दगी का आखिरी सफर है। जानकारी हो कि मां सुनिता ने पति से बच्चों के परिवरिश के लिए पांच हजार न देने पर अपने ही हाथों तीन मासूमों हिमांशू 11, प्रियांशू आठ और सुप्रिया सात वर्ष को चाय में जहर देकर मार डाला था। प्रभारी निरीक्षक तारावती यादव ने बताया कि हत्यारोपी मां को उसके मायके से गिरफ्तार कर उसका चालान कर दिया गया है।

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