अब खंड शिक्षाधिकारियों पर गिर सकती है गाज, जाने बीएसए ने क्यों दी कार्रवाई की चेतावनी..

प्राशिसं के तेवर का दिखा असर, अब पीडि़तों को जल्द मिलेगा न्याय
बलिया। कोरोना महामारी एवं त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जनपद के शिक्षक/ शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की ड्यूटी के दौरान हुई मौत के बाद विभाग महीनों चुप्पी साधे हुए था। इस प्रकरण को लेकर प्राथमिक शिक्षक संघ के आवाज बुलंद करते ही जिला बेसिक शिक्षाधिकारी की तंद्रा टूट गई है। उन्होंने मृतक के परिजनों को त्वरित न्याय देने के लिए कठोर कदम उठाया है। इसके तहत खंड शिक्षाधिकारियों को पत्र जारी कर तत्काल रिपोर्ट देने का निर्देश जारी किया है। उनसे शनिवार को सायंकाल पांच बजे तक रिपोर्ट मांगी गई है। ऐसा न होने की स्थिति में उनके विरूद्ध आगे की कार्रवाई के लिए शासन को रिपोर्ट भेजने का निर्णय लिया गया है।

चर्चा है कि जिला बेसिक शिक्षाधिकारी का एक्शन मूड में आने की मूल वजह प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष जितेंद्र सिंह के नेतृत्व में संगठन के पदाधिकारियों द्वारा इस प्रकरण को बीते दिनों जोरदार ढंग से उठाना है। यह प्रकरण जिले के आला अफसरों से लेकर विभाग के उच्चाधिकारियों तक के संज्ञान में पहुंच चुका है। अब सबकी नींद हराम है। बीएसए शिव नारायण सिंह नेे शनिवार को एक और पत्र जारी करते हुए उसमें २६ जून २०२१ एवं १६ अगस्त २०२१ को जारी पत्रों का हवाला दिया है। पत्र में कहा है कि बार-बार कहने के बाद भी खंड शिक्षाधिकारी कार्य में लापरवाही बरत रहे हैं। अपने शिक्षा क्षेत्र के अंतर्गत मृत शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के पेंशन, जीपीएफ एवं अन्य लाभों के भुगतान के लिए आवेदन पत्रावली सक्षम अधिकारी द्वारा उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। यह भी रिपोर्ट अभी तक नहीं दी गई है कि कितने शिक्षकों के मामले का निस्तारण किया जा चुका है और कितने मामले लंबित है ? सूचना देने में काफी शिथिलता बरती जा रही है। जबकि शासन स्तर से वीडियो कांफ्रेंसिंग द्वारा बार-बार इस गंभीर प्रकरण के बारे में पूछताछ की जा रही है।

अब प्राथमिक शिक्षक संघ के आगे आने से यह मामला और तूल पकडऩे लगा है। बेसिक शिक्षाधिकारी इस पूरे प्रकरण जल्द से जल्द निस्तारित करने में जुट गए हैं। उन्होंने जनपद के सभी खंड शिक्षाधिकारियों को पत्र भेजकर शनिवार को शाम पांच बजे तक इस संबंध में रिपोर्ट प्रस्तुत करने का कहा है। साथ ही अब तक रिपोर्ट देने में किए गए विलंब के लिए स्पष्टीकरण भी मांगा है। बता दें कि जनपद में कुल ३० शिक्षक/शिक्षणेत्तर कर्मचारी की मौत हुई है। खंड शिक्षाधिकारियों को कहा गया है कि मृतकों की पूरी रिपोर्ट भरकर देना है। जिसमें मृतक का नाम, पेंशन कब से रूका है ? जीपीएफ मिला या नहीं ? मृतक आश्रित के आवेदन पत्र की स्थिति क्या है? अभी तक इस प्रकरण की गई कार्रवाई। मृतक आश्रित की नियुक्ति के लिए आवेदन पत्र और विलंब होने का कारण भी स्पष्ट करना है।

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