अब ड्यूटी से गायब नहीं हो पाएंगे चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी


बलिया। अक्सर अपनी ड्यूटी से गायब रहने वाले चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मी अब हर हाल में कम से कम दो घंटे अस्पताल में गुजारेंगे। क्योंकि मानव संपदा उपस्थिति पोर्टल पर सभी स्वास्थ्य कर्मियों ने हाजिरी दर्ज करनी शुरू कर दी है। इस एप पर तैनाती स्थल पर पहुंचकर उपस्थिति दर्ज करानी होगी।

यहीं नहीं, लोकेशन के हिसाब से दो घंटे बाद ही हाजिरी मानी जाएगी। बीच में अस्पताल छोड़ने पर लोकेशन बदली तो गैरहाजिर हो जाएंगे। अब इसी एप से उपस्थिति प्रतिदिन दर्ज करानी होगी, जो इसमें गड़बड़ी करेगा, उसकी जानकारी जिला मुख्यालय से लेकर प्रदेश के कंट्रोल रूम तक सीधे हो जाएगी। डिप्टी सीएम ने पूरे प्रदेश में निरीक्षण के बाद गायब रहने वाले स्वास्थ्य कर्मियों पर अंकुश लगाने के लिए इसकी शुरुआत की है।

जिला पुरुष अस्पताल, जिला महिला अस्पताल के अलावा नौ सीएचसी और 16 पीएचसी पर तैनात डॉक्टरों और कर्मचारियों को इसमें शामिल किया गया है। शासन ने अस्पतालों में इनकी उपस्थिति सुनिश्चित कराने के लिए मानव संपदा उपस्थिति पोर्टल एप लांच किया है। शुक्रवार से इस पोर्टल ने कार्य करना भी शुरू कर दिया है। इस एप को सभी डॉक्टरों और कर्मचारियों के मोबाइल फोन में अपलोड करा दिया गया है और उपस्थिति लगाए जाने का कार्य भी शुरू कर दिया गया है, लेकिन कुछ तकनीकी खामियां भी आ रही है, जिन्हें दूर करने का प्रयास जारी है।

अस्पताल पहुंच कर एप से उपस्थिति दर्ज करानी होगी और करीब दो घंटे तक अस्पताल में रुकना अनिवार्य होगा, तभी पोर्टल पर उपस्थिति दर्ज हो सकेगी। यहीं नहीं, यह एप तैनाती स्थल से सिर्फ 500 मीटर की दूरी तक ही काम करेगा। इसके बाद यह काम करना बंद कर देगा। ऐसे में यदि कोई चिकित्सक घर बैठे उपस्थिति दर्ज करना चाहे तो वह संभव नहीं हो सकेगा।
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…और परेशान हैं चिकित्सक
इस एप के लांच किए जाने के बाद सबसे ज्यादा दिक्कतें आपातकालीन ड्यूटी करने वाले चिकित्सकों और कर्मचारियों की सामने आ रही है, क्योंकि आपातकालीन ड्यूटी करने वाले चिकित्सकों को अगले दिन अवकाश मिलता है। ऐसे में उनकी उपस्थिति कैसे दर्ज होगी। इस संबंध में शासन स्तर से निर्देश भी मांगे गए हैं।

सीएमओ डॉ. जयंत कुमार ने बताया कि अस्पतालों में तैनात चिकित्सकों और कर्मचारियों को मानव संपदा उपस्थिति पोर्टल एप के माध्यम से उपस्थिति दर्ज करानी होगी। इसके लिए सभी अधीक्षकों, चिकित्सकों, कर्मचारियों से सूची मांगी गई है।

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