मूसलाधार बारिश से जिला जेल के बैरक जलमग्न..
बलिया। पूर्वांचल में अतिवृष्टि ने सबका सुकून छीन लिया है। आम लोगों की कौन कहे, जिला कारागार के कैदी तक सुरक्षित नहीं हैं। दर्जनभर बैराकों में पानी घुस गया है। कैदियों का रहना और सोना तो दूर, उनका खड़ा रह पाना भी मुश्किल है। पिछले 48 घंटे से से हो रही मूसलाधार बारिश ने जेल में अफरा-तफरी मचा दी है। जेल अधीक्षक एवं जिले के आला अफसरों के पहल पर कैदियों को तत्काल गैर जनपद भेजा जा रहा है।

दशकों पहले बनाए गए जिला जेल के पुराने बैरक काफी नीचे हैं। ऐसे में मूसलाधार बारिश की मार झेल पाना इनके लिए संभव नहीं है। इन बैरकों में पानी अक्सर बरसात में प्रवेश कर जाता है। लेकिन कम बारिश होने पर जैसे-तैसे कैदियों को सुरक्षित रखा जाता था। लेकिन अहर्निश (24 घंटे) हो रही जलवृष्टि के कारण अब बैरकों में रह पाना नामुमकिन है। ऐसे में कैदियों को हो रही दिक्कतों को देखते हुए उन्हें गैर जनपद की जेलों में शिफ्ट किया जा रहा है।

इस बारिश ने बलिया जिला कारागार की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है। कैदियों को रखने के इंतजाम पर सवाल खड़े हो रहे हैं। पिछले कई सालों से बरसात के दिन में बैरकों में पानी घुसने के बाद भी आखिर इसका इंतजाम अब तक क्यों नहीं किया गया ? यह भी सवाल लोगों के दिमाग में गूंज रहा है। बैरकों में पानी भर जाने की वजह से कैदियों कों बड़ी दिक्कत होती है।

पिछले बरसात में किसी तरह कैदियों ने दिन और रात गुजारे थे, लेकिन अब रहना मुश्किल था। इसकी रिपोर्ट जेल अधीक्षक द्वारा डीआईजी कारागार एवं उच्चाधिकारियों को भेजी गई थी। उच्चाधिकारियों का आदेश मिलते ही कैदियों को गैर जनपदों में शिफ्ट करने का काम शनिवार को किया गया।

बलिया जेल अधीक्षक लाल रत्नाकर सिंह का कहना है कि जेल में 939 कैदी है। इनमें से 600 कैदियों को आजमगढ़ और 339 कैदियों को अम्बेडकर नगर जिला जेल में शिफ्ट किया जा रहा है।