बलिया। जनपद के प्रसिद्ध शिक्षक व वरिष्ठ साहित्यकार डॉ नवचंद्र तिवारी अपनी पत्नी किरण तिवारी, बच्चों व विशिष्ट लोगों के साथ पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्या व अपने वैवाहिक वर्षगांठ के अवसर पर छायादार व फलदार वृक्षों का विभिन्न स्थानों पर पौधारोपण किया। इन्होंने इस अवसर पर छितवन, बरगद,आम, महुआ, जामुन आदि पौधों को आनंद नगर के विभिन्न स्थानों पर लगाया। अपने शुभचिंतकों से उपहार में भी इन्होंने पौधों को ही स्वीकार किया।
डॉ तिवारी ने कहा कि पेड़ – पौधों की अंधाधुंध कटाई ही जैविक विविधता, एवं पारिस्थितिकी तंत्र को असंतुलित कर डाली है। जलवायु संकट में भी इससे वृद्धि हुई है। अनुचित दोहन विविध प्राकृतिक आपदाओं को खुला आमंत्रण दे रखा है।
पौधारोपण महज एक दिन का नहीं होना चाहिए बल्कि वर्षगांठ, जन्म दिवस व अन्य पर्वों पर भी लगाने की परंपरा विकसित होनी चाहिए। यह पहल बहुत बड़े पैमाने पर सामाजिक कल्याण करेगी। पौधारोपण के साथ उनका संरक्षण व संवर्धन भी जरूरी है।
लगभग 45 डिग्री पर गर्मी की चिलचिलाती धूप में पेड़ – पौधों का महत्व समझ में आता है। पेड़ हमारे जीवन के सच्चे साथी हैं। इसका हर भाग हमारे काम में आता है। अतः जन जागरूकता के साथ प्रत्येक लोगों को विभिन्न अवसरों पर पेड़ पौधे लगाने चाहिए। इस अवसर पर डॉ शशि प्रेम देव, शिवजी पांडे रसराज, डॉ अरविंद उपाध्याय , डॉ कादंबिनी सिंह , डॉ फतेहचंद बेचैन, कृष्णकांत तिवारी, ज्ञानती पाठक , कन्हैया पांडे ,सुमन पांडे ,विजय पांडे ,रोहित पांडे,वत्सल, प्रांजल ,स्वप्निल सहित आदि कवि, साहित्यकार व शुभचिंतकों ने शुभकामनाएं व बधाइयां दी।