सियासी मैदान : “फुंगां” लेकर पहुंचे बड़े दरबार…

दिग्गजों के अक्ल, तर्क और ज्ञान की होगी परीक्षा, फिर रिजल्ट आने का होगा इंतजार…
अखिलानंद तिवारी
बलिया।
विधानसभा चुनाव! हमे फख़्र है आप पर, हमारे फरिश्ता भी हैं आप..। कुछ ऐसी ही ‘दर्द भरी पुकार’ (फुंगां) लेकर एक दिन पहले प्रदेश की राजधानी पहुंचे कुछ दिग्गजों की परीक्षा 28 अगस्त को होनी है। अपने अक्ल, तर्क और ज्ञान के बल पर वह चुनावी परीक्षा हर हाल में पास करने की ठान चुके हैं। इसकी तैयारी कई दिनों से चल रही थी। परीक्षा में कौन पास होता है और कौन फेल यह तो समय बताएगा ?
कुछ दल विस चुनाव में बहुत पहले अपने प्रत्याशियों की सूची जारी करने में विश्वास रखते हैं। इनमें अभी से टिकट को लेकर कूद-फांद जारी है। संभावित उम्मीदवार टिकट की दावेदारी करने के साथ ही अपने राजनीतिक गुरुओं की परस्तिश (पूजा-पाठ) में तलीन हैं। इसके लिए कुछ देश, तो कुछ प्रदेश की राजधानी में डटे हैं। राजनीतिक मंदिरों में लोगों का आना-जाना भी शुरू है। पिछले चार साल तक सुने रहे राजनीतिक गुरूद्वारे अब गुलजार हो गए हैं। सफेदपोशों की भीड़ और उनके अपनापन को देख कुछ दलों ने तय किया है कि इस बार बिना परीक्षा पास किए किसी को टिकट नहीं मिलने वाला है। परीक्षा में उम्मीदवारों के शत-प्रतिशत अंक मिल भी गए, तो मेरिट लिस्ट के आधार पर छंटनी होगी। इसके बाद टिकट बंटवारा होगा। परीक्षा भी अलग-अलग चक्रों में होगी और प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पाने वाले प्रत्याशियों पर ही विचार किया जाएगा। प्रश्न-पत्र तैयार हैं। राजनीति शास्त्र के महापंडितों/उम्मीदवारों के बुद्धि, विवेक, व्यक्तित्व, आर्थिक मजबूती और जनाधार की परीक्षा का समय धीरे-धीरे करीब आता जा रहा है।
हम बात कर रहे हैं जनपद के एक विधानसभा की जहां के दो घुर विरोधी एवं एक शांतचित नेता एक साथ लखनऊ पहुंचे हैं। सभी को एक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं दल के मुखिया ने बुलाया है। इनकी मौखिक परीक्षा और इंटव्यू दोनों होना है और आगामी चुनाव के संदर्भ में विधिवत वार्ता भी होनी है। सभी नेता मुखिया एवं पार्टी के प्रति समर्पित रहने वाले हैं। पिछले विस चुनाव में खटास एवं बाधाओं के उत्पन्न होने से एक नेता की दल से दूरियां भी रही हैं, अब एकजुटा के लिए एक कमरे में सबको बुलाया गया है। अगर बात बन गई, तो निश्चित रूप से नया कीर्तिमान विस क्षेत्र में स्थापित हो सकता है। लेकिन बात बनने की गुंजाईश कम है। पार्टी हुक्मरान के सामने सबकुछ तय होने के बाद भी, सबके अंदर विधायक बनने की जिज्ञासा उलांछे मार रही है, जो किसी भी कीमत पर शांत होने वाली नहीं है। यह बड़े नेताओं को भीतरघात करने के लिए मजबूर करेगी।
इनसेट…
विस चुनाव: पहले जनता का नब्ज टटोलना व परखना जरूरी
बलिया। विस चुनाव भले ही दूर दिखाई दे रहा हो, लेकिन कई दलों के जिलाध्यक्षों नें अभी से संभावित प्रत्याशियोंं की सूची पार्टी मुखिया को सौंप दी है। लेकिन इस बार चुनाव मैदान में टिकट मांगने वाले नये उम्मीदवारों से कई शर्तें रखी गई हैं। जिलाध्यक्ष ने पहले मतदाताओं की नब्ज टटोलने और उन्हें परखने को कहा है। फिर पाक मन से बूथवार पसीना बहाने, अखाड़े में उतरने के बाद जनता का पैगाम पार्टी तक पहुंचाने का निर्देश जारी किया है। इसके साथ ही जनता की पनाह में जाकर उन्हें परेशानी से पार लगाने की गोटी बिछाने और जनाधार तेजी से जुटाने की दिशा में काम करना होगा।
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