बलिया विधानसभा सीट को लेकर बीजेपी में मंथन जारी..
बलिया। ब्राह्मण बहुल बलिया विधानसभा क्षेत्र में एक बार फिर टिकटार्थियों की लंबी कतार देखने को मिल रही है। इसमें 70 फ़ीसदी ब्राह्मण इस बार मैदान में चुनावी कसरत करते दिखाई दे रहे हैं। एकमात्र महिला ब्राह्मण टिकटार्थी पर भी शीर्ष नेताओं की नजर टिकी है। वर्तमान में भावी महिला उम्मीदवार भारतीय जनता पार्टी की जिला मंत्री भी है। जानकार बताते हैं कि आधी आबादी के साथ ही मतदाताओं को अपनी तरफ आकर्षित करने का सियासी हुनर भी इनमें कूट कूट कर भरा है। अब देखना है की बीजेपी इस बार आधी आबादी को तवज्जो देती है या कोई और नया चेहरा मैदान में आता है..?
हम बात कर रहे हैं बलिया विधानसभा क्षेत्र की यहां के वर्तमान विधायक एवं सूबे के मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला को पार्टी इस बार भी टिकट देती है, तो निश्चित रूप से अन्य टिकटार्थियों (भावी उम्मीदवारों) को हताशा और निराशा हाथ लगेगी। लेकिन इस बार जनता के मूड- मिजाज एवं भावी उम्मीदवारों के दावे कुछ और कह रहे हैं। टिकट की दावेदारी करने वाले भाजपा नेताओं का कहना है कि वर्तमान विधायक से लोगों में काफी नाराजगी है। ऐसे में पार्टी वक्त आने पर कोई ठोस निर्णय अवश्य लेगी। कुछ भावी उम्मीदवारों को दल के शीर्ष नेताओं द्वारा चुनाव मैदान में तन-मन से लगने का भी इशारा किया गया। है। बलिया विधानसभा सीट पर टिकट बदलने की संभावना को लेकर करीब 10 उम्मीदवार मैदान में जोर आजमा रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी में टिकटार्थियों की लंबी लिस्ट होने के कारण पार्टी अभी तक खामोश है।
वरिष्ठ नेताओं की लिस्ट में आधी आबादी से एकमात्र ऊर्जावान महिला टिकटार्थी भी शामिल है। उन पर सबकी नजर गड़ी हुई है। वह लगातार जनसंपर्क में भी हैं।लंबे समय से दल को आगे बढ़ाने में अपनी अहम भूमिका निभा रहीं हैं। इस बार उन्हें पूरा भरोसा है कि पार्टी उनकी ईमानदारी, निष्ठा और समर्पण का इनाम देगी।
विधानसभा चुनाव-2022 के लिए बीजेपी में टिकट मांगने वालों की सूची पर नजर डालें तो इसमें कुछ लोकप्रिय चेहरे भी शामिल हैं। वर्तमान सूची में प्रदेश के राज्यमंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला, जिला उपाध्यक्ष संजय मिश्रा, जिला मंत्री (महिला टिकटार्थी) कृष्णा पांडे, विहिप नेता आशुतोष श्रीवास्तव, भाटपाररानी विस के प्रभारी अनूप चौबे, भाजपा नेता जितेंद्र तिवारी, प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य नागेंद्र पांडेय, पूर्व ब्लाक प्रमुख दिनेश पाठक, वरिष्ठ भाजपा नेता वशिष्ट दत्त के साथ ही पर्दे के पीछे से भी कुछ नेतागण टिकट पाने की फिराक में हैं। सभी मौका मिलते ही चौका लगाने की तैयारी में जुटे हैं। टिकट की चाह में अंदरूनी लड़ाई लड़ने वाले दिल्ली से लेकर प्रदेश की राजधानी लखनऊ तक की दौड़ लगा रहे हैं। कुछ ने तो अभी सै राजधानी में डेरा जमा लिया है। लेकिन वक्त किसका साथ देगा और किसे ठुकराएगा यह कहा नहीं जा सकता ?