राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री व राज्यपाल को भेजा खत
बलिया। बोर्ड परीक्षा पेपर लीक मामले में फर्जी तरीके से फंसाए गए जनपद के तीन पत्रकारों को जेल भेजने के मामले में अब आम जनता ने मुहिम छेड़ते हुए पीएम, राष्ट्रपति, मुख्यमंत्री व राज्यपाल को खत लिखा है। जिसमें भ्रष्ट अफसरों के निलंबन व पत्रकारों के ऊपर से पूरी तरह से मुकदमा हटाने की मांग की। रसड़ा तहसील के अधिवक्ताओं व बुद्धिजीवियों ने पोस्ट कार्ड भेजकर न्याय की गुहार लगाई। यह मुहिम पूरे जनपद में भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ छेड़ा है। तीनों पत्रकारों के ऊपर गंभीर धाराएं हटाने के बाद मिली जमानत ने लोगों की निगाहों में प्रशासन को कटघरे में खड़ा कर दिया है। घटना से आहत आम जनता, व्यापारी, अधिवक्ताओं ने इस घटना के लिए जिम्मेदार जिले के डीएम व एसपी पर तत्काल कार्रवाई कराने के लिए शुक्रवार से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल व मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर भेजने की मुहिम छेड़ दी है। जिसकी शुरुआत रसड़ा तहसील के लोगों ने शुक्रवार को की।
बता दें कि बलिया पेपर लीक मामले में तीन निर्दोष पत्रकारों को जिला व पुलिस प्रशासन द्वारा आनन-फानन में फर्जी मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया था। जिसमें वरिष्ठ पत्रकार अजीत ओझा, दिग्विजय सिंह और मनोज गुप्ता शामिल हैं। इन्हें सच उजागर करने और पेपर लीक मामले में प्रमुखता से खबर प्रकाशित करने के लिए 28 दिनों तक जेल में भी रहना पड़ा है।
बता दें कि सच्चाई जानने के बाद शासन के निर्देश पर दर्ज अपराधिक कुछ मुकदमे भी हटाए गए हैं, जिससे सभी पत्रकार साथी जमानत पर रिहा हो चुके हैं। लेकिन जनपदवासी अब भी आहत हैं। क्योंकि पत्रकारों पर दर्ज मुकदमे पूरी तरह से खत्म नहीं हुए हैं और न ही सामूहिक नकल शामिल, पेपर लीक में लिप्त और परीक्षा केंद्रों को खुलेआम बेचने वाले बलिया के डीएम इंद्र विक्रम सिंह और भ्रष्ट पुलिस कप्तान राजकरन नैय्यर सहित अन्य जिम्मेदार अफसरों पर अभी तक कोई कार्रवाई शासन स्तर से नहीं की गई है। इतना ही नहीं आकंठ भ्रष्टाचार में डूबे ये अधिकारी खुद के बचाव में नित्य नए साजिश रच रहे हैं, जो मौका मिलते ही पत्रकार, व्यापारी, छात्र, शिक्षक आदि को फंसाने का काम कर सकते हैं। क्योंकि पत्रकारों के आंदोलन में अन्य संगठनों के लोग भी शामिल रहे हैं। यह अब जन आंदोलन का रूप ले चुका है।
लोगों ने पत्र के भेजकर उन्होंने मांग की है कि पत्रकारों के उपर दर्ज फर्जी मुकदमे स्पंज किए जाये और कलम को आजाद किया जाए। साथ ही भ्रष्ट अफसरों पर त्वरित कार्रवाई हो और उन्हें दंडित किया जाए और इनके चल -अचल संपत्तियों की जांच हो।