अधिवक्ता मनोज कुमार हंस ने कहा कि न्याय मिलने तक जारी रहेगी लड़ाई
बलिया। गरीब छात्रों के निजी विद्यालयों में दाखिले के लिए दिए गए आवेदन को निरस्त करने के बाद शुक्रवार को सैकड़ो पीड़ित अभिभावकों के साथ जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे अधिवक्ता मनोज राय हंस ने जिला अधिकारी को पत्रक सौंपा। उन्होंने बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर गम्भीर आरोप लगाते हए कहा कि विधि विरुद्ध तरीके से 1423 आवेदन निरस्त कर दिया गया है। इससे आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों का भविष्य अंधेरे में लटक गया है। इन छात्रों का दाखिला नजदीक के विद्यालयों में अगर नहीं हुआ तो, यह कहीं के नहीं रहेंगे।
बताया कि अरटीई एक्ट 2009 के तहत इस शैक्षिक सत्र में कुल 3295 आवेदन किए गए थे। जिसमें से 1423 आवेदन विधि विरुद्ध तरीके से रद्द कर दिया गया है। इसमें यह कारण बताकर निरस्त किया गया है कि ये लोग अपने पड़ोसी वार्ड या ग्राम पंचायत के मान्यता प्राप्त रजिस्टर्ड विद्यालय में आवेदन किए हैं। इस आधार पर पिछले दो वर्ष से कई हजार आवेदन निरस्त हुए है। जबकि ऐसा कोई नियम सरकार ने नहीं बनाया है। अधिवक्ता के आय पत्रक पर त्वरित कार्रवाई करते हुए जिलाधिकारी ने बेसिक शिक्षा विभाग को जांच कमेटी गठित कर 10 दिन के अंदर आख्या प्रस्तुत करने का निर्देश जारी किया है।
उधर वरिष्ठ अधिवक्ता व समाजसेवी मनोज राय हंस ने कहा है कि अगर पीड़ित अभिभावकों को न्याय नहीं मिला तो, वह कलेक्ट्रेट में क्रमिक अनशन से शुरू कर आमरण अनशन तक करने को तैयार हैं।