बलिया। कोरोना महामारी एवं पंचायत चुनाव की ड्यूअी के दौरान एक-एक कर जनपद में कुल 30 शिक्षक/अनुदेशक एवं कर्मचारियों की मौतें हुई। तब से लेकर अब तक मात्र एक विशेष वर्ग के मृतक आश्रित को ही नौकरी दी गई थी। इसे लेकर प्राथमिक शिक्षक संघ एवं पीडि़त परिवारों में काफी आक्रोश था। संगठन के जिलाध्यक्ष जितेंद्र सिंह के दबाव बनाने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया। मंगलवार को दूसरे मृतक आश्रित को नौकरी मिली। इससे अब अन्य पीडि़त मृतक आश्रितों में उम्मीद जग गई है। अभी भी 28 परिवार सरकारी दफ्तारों के चककर काट रहे हैं। देखना है कि इन्हें विभाग राहत कब तक देता है।
बता दें कि बीते नौ मार्च 2021 को शिक्षक राधेश्याम प्रसाद की कोरोना महामारी में मौत हो गई थी। वह प्राथमिक विद्यालय महाराजपुर शिक्षा क्षेत्र बांसडीह में तैनात थे। राधेश्याम की मौत के बाद पीडि़त परिवार काफी परेशान रहा। जनपद के 29 पीडि़त परिवारों को न्याय न मिलते देख प्राथमिक शिक्षक संघ ने इनकी लड़ाई शुरू की। इसके लिए बेसिक शिक्षाधिकारी से लेकर सिटी मजिस्ट्रेट तक को ज्ञापन सौंपा गया। अंतत: मजबूर होकर विभाग ने अब मृतक आश्रितों को नौकरी देने का मन बना लिया है। इसकी शुरूआत मंगलवार को देश दीपक से हुई। राधेश्याम प्रसाद के पुत्र देश दीपक निवासी हडि़हाकला- बांसडीह से सभी कागजता जमा कराने एवं उसकी जांच करने के बाद उन्हें नियुक्ति0 पत्र दिया गया। इससे शिक्षक संगठन के जिला सहसंयोजक अजय मिश्रा, रसड़ा अध्यक्ष तेज प्रताप सिंह, दुबहर अध्यक्ष अजित पांडेय, सदस्य संयोजक राजेश पांडेय, बैरिया अध्यक्ष सुनील कुमार सिंह मनियर अध्यख अजय सिंह, मंत्री शशि ओझा समेत सभी पदाधिकायों में काफी खुशी देखने को मिली।