बलिया। भाजपा के पूर्व विधायक राम इकबाल सिंह पिछले कुछ महीने से लगातार अपनी सरकार के खिलाफ बागी तेवर अपनाए हुए हैं। शनिवार को एक बार फिर कहा कि सरकार उद्योगपतियों के हाथों देश की धरोहर एवं पूर्वजों की अचल संपत्तियों को बेचने का काम कर रही है। वह दल में रहते हुए भी केंद्र की मोदी और प्रदेश की योगी सरकार की नीतियों से नाखुश हैं। केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि देश के किसान मजदूर और व्यापारियों के टैक्सेशन से जिस अचल संपति को पूर्वजों ने बनाया था। उन संपत्तियों को सरकार उद्योगपतियों को बेचकर कह रही है कि भारत महान है, अब अपना देश महाशक्ति बन रहा है। विश्व में भारत अलग पहचान और स्थान बना रहा है। यह जुमलेबाजी काफी हास्यास्पद है। कई सालों से नौकरियां केवल अखबारों में दी जा रही है। जनपद को नाम जादे और राय जादे पंगु बना दिये हैं, जिला जाम के बाद जल में फंसा हुआ है।

श्री सिंह ने पत्रकारों से बातचीत में यह विचार व्यक्त किए। कहे कि केंद्र सरकार संपतियों को बेचने का नाम मुद्रीकरण कर दिया है। मतलब नाक को घुमा कर पकड़ रही है। सोमवार को वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार को एक लाख करोड़ रुपये जुटाना है। इसके लिये रेलवे स्टेशन, 256 रूट सेट, 90 यात्री गाड़ी, 4 पर्वतीय रेलवे, 15 रेलवे स्टेडियम, 1476 ओवरहेड रेलवे इंक्रिमेंट, 674 किमी फ्रेट कॉरिडोर, 741 किमी कोंकण रेलवे, 14917 बीएसएनएल टॉवर, 26 हजार किमी सड़क के रख रखाव, 2 लाख 75 हजार किमी से अधिक फाईवर लाइन का मुद्रीकरण करके 29 हजार करोड़ रुपए प्राप्त किया जाएगा।

इस तरह देश की अचल संपति बेच कर 6 लाख करोड़ रुपए जुटाने की योजना को लांच की गई। उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने सरकार को गलत सूचना देकर देश को शौच मुक्त घोषित करा दिया, जबकि आज भी गावों के बाहर सैकड़ों महिलाएं सड़कों को गन्दा कर रही है। कहे कि पूरा सरकारी अमला आंख बन्द कर अपने तरीके से काम कर रहा है और राजनैतिक कार्यकर्ता पंगु बन गया है। वह चट्टी चौराहों पर डिप्रेशन में गलत शब्दों का प्रयोग कर रहा है। उसको दर्द है। 2022 का चुनाव सामने है, लोगों के पास बहुत से ऐसे सवाल है जिसका जवाब चाहते है। कहे कि अस्पताल निरीक्षण के वक्त मुख्यमंत्री के आंख में मिर्चा झोंक दिया गया , मुख्यमंत्री को सब सुंदर ही दिखा। अस्पताल सुधरने के बजाय और बिगड़ता ही जा रहा। 6 सितंबर को किसानों और अस्पताल को लेकर जिलाधिकारी को पत्रक देंगे ।