जौनपुर। प्यार अँधा और बहरा दोनों होता है। न कुछ देखता है, न कुछ सुनता है। बस अपनी ही जिद्द पर ठहरा होता है। अनगिनत पहरा हो, फिर भी बेपरवाह होता है। प्यार में अंधेपन का एक मामला सामने आया है। रिश्ते की परवाह किए बिना चाचा भतीजी से इश्क कर बैठा। इसकी जानकारी होते ही लोगों के पैरों तले जमीन खिसक गई। इस बीच भतीजी की शादी तय हुई, लेकिन शादी से पहले दोनों फरार हो गए। घर वालों ने दोनों को खोज निकाला। चाचा की जमकर पिटाई की, लेकिन अंततः दोनों की जिद्द के आगे सबको झुकना पड़ा। थाने में पंचायत के बाद चाचा- भतीजी की शादी करा दी गई।
जिले के मछलीशहर थाने के एक गांव की रहने वाला युवक (चाचा) रिश्ते में लगने वाली भतीजी से प्यार कर बैठा। दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ती गई। एक दूसरे के काफी करीब आ गए। धीरे -धीरे प्रेम परवान चढ़ने लगा। इस बात की जानकारी जब घर वालों को हुई, तो सभी शर्मसार थे। कंलकित करने वाले रिश्ते और प्यार की कहानी को गांव और समाज छुपाते हुए चाचा को प्राइवेट नौकरी के लिए घर से बाहर भेज दिया गया। लेकिन वहां से भी चाचा -भतीजी के बीच बातचीत होती रही। इसी बीच भतीजी की शादी तय कर दी गई। गोदभराई भी हो गई। इसकी जानकारी प्रेमी चाचा को होते ही वह सीधे चंडीगढ़ से घर आया और दोनों ने योजना बनाई और रात के अंधेरे में चाचा और भतीजी घर से फरार हो गए। दोनों को परिजनों ने ढूंढ निकाला और पकड़े जाने के बाद चाचा की जमकर पिटाई भी की। इसके बाद मामला थाने पहुंचा। वहां घंटों पंचायत चलने के बाद भी चाचा और भतीजी शादी की जिद्द पर अड़े हुए थे। दोनों ने चेतावनी दी कि अगर हमारी शादी नहीं हुई तो हम आत्महत्या कर लेंगे। मजबूरन दोनों की शादी कराई गई।