नदियां उफान पर, जिले में भी बजी खतरें की घंटी, गंगा व घाघरा तबाही मचाने को आतुर

बलिया। देश के अलग-अलग हिस्सों में आई बाढ़ के बीच बलिया में भी खतरे की घंटी बजनी शुरू हो गई है। घाघरा जहां उफान पर है, वहीं गंगा का जलस्तर अब धीरे-धीरे बढ़ने लगा है। वहीं पूर्वाभ्यास के मद्देनजर जिला प्रशासन भी तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुट गए हैं। समय-समय पर जिलाधिकारी से लेकर एसडीएम व जनप्रतिनिधि कटान क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं। घाघरा जहां तबाही मचाना शुरू कर दी है, वहीं गंगा की उपनाती लहरें आने वाले दिनों में कहर बरपाने की चेतावनी दे रही है। आलम यह है कि तटवर्ती लोगों की रातें जगकर बितानी पड़ रही है।

अब तक 50 घर कटकर घाघरा नदी की धारा में विलीन
बलिया। घाघरा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। जिसकी वजह से नदी के निकटवर्ती रेवती विकास खंड के शिवाल मठिया और गोपालनगर गांव के किसानों की चिंता बढ़ गई है। आलम यह हैं कि नदी का जलस्तर बढ़ने की वजह से इस क्षेत्र में किसानों की खेती योग्य भूमि का कटान शुरू हो गया है। नदी के तेज बहाव की वजह से यहां तेजी से जमीन कट रही है।

किसानों का कहना है कि पिछले साल भी इस नदी में बाढ़ आई थी। इसकी वजह से करीब 50 एकड़ भूमि का कटान हुआ था और इस साल भी तेजी से जमीन कट रही है। किसानों के मुताबिक घाघरा नदी का जल स्तर बढ़ने की वजह से इस साल भी अबतक लगभर 50 घर कटकर नदी की धारा में विलीन हो चुके हैं। पिछले 20 दिनों से इस नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है। इसकी वजह से बड़े स्तर पर जमीन का कटान हो रहा है। ग्रामीणों के मुताबिक नदी का पानी लगभग 100 लट्ठा अंदर की तरफ आ गया है, गांव की तरफ नदी बहुत तेजी से जा रही है। ऐसा लगता है कि इस बार गांव के लोगों का घर द्वार भी इस जलधारा में समा जाएगा। ग्रामीणों ने कहा कि हम सरकार और प्रशासन से चाहते है कि वह इस पर ध्यान दे। जिससे गांव बच सके।

टॉर्च की रोशनी में गंगा की लहरों को निहारते ही गुजारनी पड़ती है रात
-गंगा का जलस्तर सोमवार को ठहर गया, लेकिन रामगढ़ से लेकर नवरंगा भुवाल छपरा तक अरारों के गिरने का सिलसिला जारी रहा। केंद्रीय जल आयोग गायघाट के अनुसार गंगा का जलस्तर सोमवार की दोपहर 12 बजे 55.88 मीटर पर स्थिर रहा। गंगा का जलस्तर स्थिर होने के कारण बाढ़ विभाग व गंगा के किनारे बसे लोगों ने राहत की सांस ली। उधर रविवार की दोपहर में बारिश होने के कारण दुबे छपरा में जीओ ट्यूब भरने का काम भी प्रभावित रहा। बीते दो सप्ताह से गंगा के जलस्तर में उतराव-चढ़ाव का क्रम जारी रहा। इसको देखते हुए पूरा प्रशासनिक अमला अलर्ट मोड पर है।

जिलाधिकारी रविंद्र कुमार स्वयं प्रतिदिन इसकी मानिटरिंग कर रहे हैं। नौरंगा भुवाल छपरा में गंगा की लहरें कृषि योग्य जमीन को नदी में समाहित करते हुए अब धीरे-धीरे गांव की ओर अपना रुख शुरू कर दिया है। जिसे देखकर नौरंगा भुवाल छपरा के लोगों में भय व दहशत का माहौल कायम है। गंगा की बैक रोलिंग धारा का दबाव बनिया टोला, सोनार टोला रामगढ़ पर धीरे धीरे बढ़ता जा रहा है।

गंगा की उफनाती लहरें लालबाबू सुनार, जवाहर सुनार के घर को ठोकर मार रही हैं, जो कभी भी गंगा की लहरों में समाहित हो सकते हैं। पीड़ितों का कहना है कि करीब चार करोड़ रुपये की लागत से रिवेटमेंट का कार्य कराया गया जो अगले साल की बाढ़ में ही बह गया और बाढ़ विभाग ने उसे मरम्मत करना मुनासिब नहीं समझा। हम लोगों के दिन तो किसी तरह कट जा रहा है लेकिन रात टॉर्च की रोशनी में गंगा की लहरों को निहारते ही गुजारनी पड़ती है।

Please share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!