.
.
.
बलिया। जिले के नामचीन टेंट कारोबारियों में से एक नूरमोहम्मद की एनएच—31 स्थित माफी पिपरा ढाले पर थोक दुकान है। यहां ग्राहकों की संख्या अधिक—कम होने से परिवार के सभी सदस्य बारी—बारी से इसकी देखरेख करते हैं। रूबीना भी दुकान को समय—समय पर संभालती थी। दुकान के पिछले हिस्से में नूरमुहम्मद का परिवार भी रहता है। जबकि इसके सामने सड़क के दूसरी तरफ पिपरा माफी में ही आजम की लोहे चारपाई, पाइप एवं बेल्डिंग की दुकान संचालित होती है।
आजम का नूरमोहम्मद के घर अक्सर आना—जाना रहता था। इसी बीच वह रूबीना से प्रेम कर बैठा। करीब दो साल से आजम उससे बातचीत करता था। लेकिन आजम का यह प्यार एकतरफा बताया जाता है। कुछ महीनों से आजम शादी के लिए दबाव बनाने लगा था। इसकी जानकारी होने पर लड़की पक्ष उसके प्रस्ताव का विरोध करने लगे। परिवार वालोंं की रजामंदी न होने पर युवती ने शादी से साफ इंकार कर दिया। लेकिन युवक अपनी जिद्द पर अडा रहा। इस दौरान युवक के जिद्द को देख एक—दो बार घर में पंचायत भी हुई। अंतत: उत्तर ना में मिला। इसके बाद उसने रूबीना को खत्म करने की ठान ली। अंतिम बार पूछा और इंकार करने पर प्रेमिका को मौत के घाट उतारने के बाद खुद को मौत के गले लगा लिया।
.
.